भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम कायम करने और मौजूदा व्यवस्थाओं में नए सिरे से ऊर्जा संचार करने का फैसला किया है। वाघा सीमा पर मंगलवार को 14 साल बाद दोनों देशों के डीजीएमओ की बैठक में यह सहमति बनी।
इसमें भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने किया जबकि पाकिस्तानी पक्ष का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल आमेर रियाज कर रहे थे। इस वार्ता में दोनों तरफ से एक ब्रिगेडियर और तीन लेफ्टिनेंट कर्नल ने हिस्सा लिया। बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली।
भाटिया ने कहा, हमारे बीच सौहार्दपूर्ण, रचनात्मक और उपयोगी मुलाकात बैठक हुई। उन्होंने कहा, हमने मौजूदा व्यवस्थाओं को मजबूत करने और संघर्ष विराम सुनिश्चित करने का फैसला किया है। उधर, पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा संभवत: नियंत्रण रेखा पर तैनात संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षकों की भूमिका में इजाफे पर जोर दिया गया। गौरतलब है कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की निगरानी के लिए 1949 में पर्यवेक्षकों का गठन किया गया था।
इन बिंदुओं पर भी बनी सहमति
- नियंत्रण रेखा पर ब्रिगेड कमांडरों की फ्लैग बैठक होगी ताकि शांति और सौहार्द कायम रखा जा सके
- दोनों डीजीएमओ ने हॉटलाइन संपर्क को पहले के मुकाबले और प्रभावी बनाने का फैसला किया
- किसी नागरिक द्वारा भूलवश सीमा पार करने पर सूचित किया जाएगा ताकि उसकी वापसी सुनिश्चित हो
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