अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार बदलाव के आगाज के साथ शनिवार को पदभार संभालेगी। शपथ ग्रहण समारोह राजनिवास में केवल आमंत्रित लोगों के बीच न होकर रामलीला मैदान में आम लोगों के बीच होगा। इसी तरह मुख्यमंत्री व मंत्री पद की शपथ लेने आ रहे विधायक लाल बत्ती की गाडिय़ों के काफिले में नहीं बल्कि मेट्रो में सवार होकर आम लोगों की तरह समारोह स्थल पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री, मंत्री व आप विधायकों ने नए कपड़े नहीं सिलवाए हैं। रोज जैसे कपड़े ही पहनेंगे। शपथ ग्रहण समारोह दोपहर 12 बजे से शुरू होगा।
1993 में दोबारा विधानसभा गठन के बाद दिल्ली में सरकार का शपथ ग्रहण समारोह दूसरी बार राजनिवास से बाहर हो रहा है। 1996 में भाजपा नेता साहिब सिंह वर्मा ने छत्रशाल स्टेडियम में शपथ ली थी। इस बार शपथ ग्रहण समारोह में पूरे शहर को न्यौता दिया गया है।
हालांकि दिल्ली प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्रियों, विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों, विधायकों, पूर्व मंत्रियों व विधायकों और पत्रकारों को निमंत्रण पत्र भेजकर आमंत्रित किया है। पुलिस प्रशासन का अनुमान है कि करीब 50 हजार से अधिक लोग समारोह में शामिल होने पहुंचेंगे। केजरीवाल ने खुद ट्वीट करके कहा है कि 'इस समारोह के लिए किसी पास की जरूरत नहीं है। सभी का स्वागत है। यह आपका कार्यक्रम है। मेरा परिवार भी लोगों के बीच बैठेगा।'
केजरीवाल के खास सहयोगी मनीष सिसौदिया ने कहा हम वीआईपी संस्कृति खत्म करने के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल करेंगे। केजरीवाल ने कहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचने के लिए वह कौशांबी से मेट्रो पकड़ेंगे। केजरीवाल ही नहीं, कैबिनेट के सदस्य के रूप में शपथ लेने वाले कई विधायक उनके साथ होंगे जबकि बाकी विधायक अपने-अपने नजदीकी मेट्रो स्टेशन से रामलीला मैदान की ओर रवाना होंगे।
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