भ्रष्टाचार से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए राज्यसभा के बाद अब लोकसभा ने भी लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्यसभा में किए बदलावों को लोकसभा की मंजूरी के बाद इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने बताया कि सरकार ने लोकपाल पर प्रवर समिति की करीब सभी सिफारिशें मानने का फैसला किया है।
वामदलों ने निजी क्षेत्र की भागीदारी वाली परियोजनाओं को इसके दायरे में लाने के लिए संशोधन पेश किया जो पारित नहीं हो सका। इसके अलावा, जो सिफारिश नहीं मानी गई वह सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से पहले उनका पक्ष जानने संबंधी है। लेकिन सरकार ने साफ किया कि जिन मामलों में छापे या जब्ती की कार्रवाई होनी हो, उसमें यह प्रावधान लागू नहीं होगा। समाजवादी पार्टी ने विधेयक का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया।
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