उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि निजी लाभ के लिए सार्वजनिक पद का दुरूपयोग कई गुना बढ़ गया है। भ्रष्टाचार के मामलों पर जनता की भावनाओं को व्यक्त करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इस बात को लेकर बड़े पैमाने पर चिंता उभरकर आई है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सत्ता के गलियारे भ्रष्टाचार या भाई भतीजावाद से मुक्त हों और संसाधनों तथा कोष का अधिकतम इस्तेमाल उनके जरूरी उद्देश्यों के लिए हो ।
न्यायालय ने कहा कि निजी लाभ के लिए सार्वजनिक पद का दुरूपयोग कई गुना बढ़ गया है और इसने देश को बुरी तरह प्रभावित किया है। भ्रष्टाचार से राजस्व में कमी आती है, यह आर्थिक गतिविधियों की गति धीमी कर देता है। भ्रष्टाचार की वजह से देश को सबसे बड़ा नुकसान यह हो सकता है कि इसके चलते लोकतंत्र से भरोसा उठ सकता है या कानून व्यवस्था की स्थिति कमजोर पड़ सकती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें