भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का विरोध किया है और प्रधानमंत्री से पत्र लिख कर इस पर विस्तृत विचार-विमर्श का अनुरोध किया है। मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को बुरे इरादे से और खराब तरीके से तैयार किया गया, जो बहुत बड़ी त्रासदी है। मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर विरोध जताया है। मैंने इस तरह के विधेयक पर आगे किसी तरह का काम किए जाने से पहले प्रधानमंत्री से राज्यों एवं तमाम पक्षों के साथ विचार-विमर्श करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि इसके पीछे राजनीतिक विचारधारा और वोट बैंक की राजनीति काम कर रही है। विधेयक को लाने का समय भी संदेह के घेरे में है। मोदी ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे का उल्लंघन है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यह विधेयक भारत के संघीय ढांचे का स्पष्ट उल्लंघन है। केंद्र ऐसे कानून को तैयार करने में व्यस्त है जो राज्य की सूची में शामिल है। जो विधेयक राज्य द्वारा लागू होगा, क्या उसे राज्य द्वारा लागू नहीं होना चाहिए।
मोदी ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को लागू करने से समाज के टुकड़े होंगे और हिंसा बढ़ेगी। सांप्रदायिक हिंसा विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है, जिसकी शुरुआत गुरुवार से हो रही है। मोदी ने विधेयक को राज्यों के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण का प्रयास का आरोप लगाते हुए कहा कि इस संबंध में आगे कोई कदम उठाने से पहले इस पर राज्य सरकारों, राजनीतिक पार्टियों, पुलिस और सुरक्षा एजेंसी जैसे साक्षेदारों से व्यापक विचार विमर्श किया जाना चाहिए। मोदी का यह पत्र संसद के शीतसत्र की शुरुआत पर सुबह आया है। मौजूदा सत्र में विधेयक पर चर्चा होने की उम्मीद है।
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