बढ़ती महंगाई के मद्देनजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) बुधवार को होने वाली मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू में रीपो रेट को बढ़ा सकता है। जबकि कैश रिजर्व रेशो (सीआरआर) में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है।
रीपो रेट में 0.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। आरबीआई के सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय बैंक का इरादा महंगाई पर लगाम लगाने का है, मगर इसके साथ वह ब्याज दरों में फिलहाल बढ़ोतरी नहीं चाहता है। यही कारण है कि इस बार सिर्फ रीपो रेट में चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। जिसका भार बैंक कुछ समय तक उठा लें और फिलहाल ब्याज दरों में बढ़ोतरी न करें।
पिछले दिनों वित्त मंत्रालय और आरबीआई के अधिकारियों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि फिलहाल महंगाई रोकने पर ही जोर दिया जाए। मगर इस बात पर सबने हामी भरी कि ऐसा कोई फैसला न किया जाए जिससे बैंकों की नकदी पर सीधे तौर पर कोई नेगेटिव असर पड़े। अगर सीआरआर में किसी प्रकार का बदलाव होता है तो इससे बैंकों की लिक्विडिटी पर बुरा असर होगा।
ऐसे में बैंक ब्याज दरें बढ़ाने में किसी प्रकार की देरी नहीं करेंगे। ऐसे में बेहतर यही होगा कि सीआरआर को छोड़कर रीपो रेट में थोड़ा इजाफा कर मार्केट में मनी फ्लो को कम किया जाए।
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