गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी रैली को संबोधित करने के बाद शहर के 2 प्राचीन मंदिरों, काशी विश्वनाथ और संकटमोचन के दर्शन करने जाने के कार्यक्रम ने पुलिस प्रशासन के होश उड़ा दिए हैं। जिला प्रशासन ने उनसे आग्रह किया है कि वह रैली के लिए जब आएं, तो शहर के 2 सबसे प्राचीन मंदिरों में दर्शन करने के लिए न जाएं। प्रशासन को लगता है कि रैली में आई लाखों की भीड़ को संभालने के फेर में पुलिस बल कम पड़ सकता है। रैली के दिन दिन जुमे की नमाज का दिन भी है। ऐसे में प्रशासन को सांप्रदायिक हिंसा फैलने का भी डर है।
वाराणसी में 20 दिसंबर को राजा तालाब के पास रैली होगी। मोदी ने तय किया है कि रैली को सम्बोधित करने के बाद वह काशी के 2 प्राचीन मंदिरों में जाकर दर्शन करेंगे और लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के लिए आशीर्वाद मांगेंगे। नरेंद्र मोदी का आधिकारिक विस्तृत कार्यक्रम बुधवार की शाम जिला प्रशासन को मिला। इसमें मोदी के काशी विश्वनाथ मंदिर व संकटमोचन मंदिर दर्शन के लिए जाने का भी उल्लेख होने से प्रशासन की बेचैनी बढ़ गई। मोदी का हेलिकॉप्टर बीएचयू के बजाय पुलिस लाइन में उतरने को देखते हुए प्रशासन को मजबूरी में इसके लिए जरूरी तैयारी शुरु करनी पड़ी। पार्टी की ओर से भी इसकी अधिकारिक घोषणा कर दी गई है कि रैली को सम्बोधित करने के बाद मोदी दोनों मंदिरों के दर्शन करने जाएंगे। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि नरेंद्र मोदी वाराणसी में रैली को संबोधित करने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर और संकटमोचन मंदिर के दर्शन करने पहुंचेंगे। उनके साथ कई अन्य नेता भी रहेंगे।
आईजी एसटीएफ आशीष गुप्ता ने बताया कि मोदी का काशी विश्वनाथ मंदिर और संकट मोचन मंदिर के दर्शन का कार्यक्रम प्रस्तावित है। दर्शन के समय के मुताबिक अनुसार सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएंगे। इसके लिए आईजी जोन वाराणसी के स्तर से सिविल पुलिस और यातायात पुलिस की व्यवस्था होगी। रैली स्थल के लिए 2 अपर पुलिस अधीक्षक, 7 डीएसपी, 25 इंस्पेक्टर, 25 महिला सब इंस्पेक्टर, 12 कंपनी पीएसी और एक कंपनी आरएएफ दी गई है। सुरक्षा में बम डिस्पोजल दस्ता, एंटी माइंस टीम और एटीएस का कमांडो दस्ता भी तैनात रहेगा।
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