अमेरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से बातचीत की और न्यूयॉर्क में पिछले सप्ताह वरिष्ठ भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे की गिरफ्तारी और कपड़े उतरवाकर उनकी तलाशी लेने की घटना पर खेद जताया। केरी और मेनन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद अमेरिकी विदेशमंत्रालय की उप-प्रवक्ता मेरी हर्फ ने एक वक्तव्य में कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मेनन से बातचीत में उन्होंने खेद प्रकट किया। साथ ही उन्होंने अपनी चिंता का इजहार किया कि हमें इस दुर्भाग्यपूर्ण सार्वजनिक मुद्दे को भारत के साथ अपने करीबी और महत्वपूर्ण संबंधों को प्रभावित नहीं करने देना चाहिए।
वक्तव्य के अनुसार, केरी ने व्यक्तिगत भावनाओं को जोड़ते हुए मेनन से कहा, देवयानी खोबरागडे की ही उम्र की दो बेटियों का पिता होने के नाते विदेशमंत्री खोबरागडे की गिरफ्तारी के बाद घटना के बारे में भारत से जो सुन रहे हैं, उससे संवेदनशीलता के साथ सहानुभूति रखते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, विदेशमंत्री हमारे कानूनों को लागू करने और पीड़ितों की रक्षा करने के महत्व को बेहद गहराई से समझते हैं और अमेरिकी सरकार के भीतर जिम्मेदार पदों पर बैठे सभी अधिकारियों की तरह उम्मीद करते हैं कि हमारे देश में यहां हर कोई कानून का पालन करेगा।
वक्तव्य के अनुसार, केरी ने कहा, यह खासतौर पर महत्वपूर्ण है कि अमेरिका में काम कर रहे विदेशी राजनयिकों को वैसे ही सम्मान और गरिमा प्रदान की जाए जैसा हम विदेश में अपने राजनयिकों के लिए अपेक्षा करते हैं। वहीं व्हाइट हाउस ने अलग से बयान देते हुए कहा, यह पृथक घटना हमारे करीबी एवं परस्पर सम्मानपूर्ण संबंधों का सांकेतिक नहीं है। वक्तव्य के अनुसार, केरी ने मेनन से कहा, देवयानी खोबरागडे की ही उम्र की दो बेटियों का पिता होने के नाते विदेशमंत्री खोबरागडे की गिरफ्तारी के बाद घटना के बारे में भारत से जो सुन रहे हैं, उससे संवेदनशीलता के साथ सहानुभूति रखते हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, विदेशमंत्री हमारे कानूनों को लागू करने और पीड़ितों की रक्षा करने के महत्व को बेहद गहराई से समझते हैं और अमेरिकी सरकार के भीतर जिम्मेदार पदों पर बैठे सभी अधिकारियों की तरह उम्मीद करते हैं कि हमारे देश में यहां हर कोई कानून का पालन करेगा। वक्तव्य के अनुसार, केरी ने कहा, यह खासतौर पर महत्वपूर्ण है कि अमेरिका में काम कर रहे विदेशी राजनयिकों को वैसे ही सम्मान और गरिमा प्रदान की जाए जैसा हम विदेश में अपने राजनयिकों के लिए अपेक्षा करते हैं।
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