बिहार : उपस्थिति की बाध्यता को ही समाप्त कर दी जाए - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 25 दिसंबर 2013

बिहार : उपस्थिति की बाध्यता को ही समाप्त कर दी जाए

bihar news
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान कर रखा है कि आगामी वित्तीय वर्ष 2014-2015 के दौरान शासकीय विघालयों में अध्यय करने वाले छात्र-छात्राओं को कक्षा कक्ष में  गुरूजी के सामने 75 प्रतिशत की उपस्थिति की बाध्यता को उठा लिया गया है। मुख्यमंत्री के द्वारा तोहफा पाकर इससे छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावक हर्षित हो उठे हैं। दूसरी ओर अभी 75 प्रतिशत की उपस्थिति वालों को राशि उपलब्ध करवाने को लेकर विघार्थियों में उबाल आ गया है। जिन विघार्थियों को पोशाक वितरण की राशि नहीं मिल रही है। वह हिंसक वारदात करने पर उतारू हैं। वहीं गांधी,विनोबा,जयप्रकाश, अम्बेडकर के बताये मार्ग पर चलने वाली संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सदस्यों के द्वारा अंहिसात्मक प्रतिरोध की सीख लेने वाले सीधे प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यालय में आ धमके। यहां पर विघार्थियों के अभिभावकों के द्वारा प्राथमिक विघालय, अभिमन्यु नगर के गुरूजनों पर मनमानी करने का आरोप लगाया। 

माननीय प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देंगे- दानापुर प्रखंड की प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन पत्र लिखा गया है। इस पत्र में उल्लेख किया गया है कि रूपसपुर नगर के सामने अभिमन्यु नगर है। यहां पर अनूप मांझी रहते हैं। इनकी पत्नी का नाम फुदकी देवी है। उनके अनुसार शासकीय विघालय में नामांकन करवाने के लिए 50 रू. गुरूजी को देना पड़ता है। तब जाकर प्राथमिक विघालय में विकास कुमार और सुजीत कुमार का नामांकन कराया जा सका है। मात्र तीन दिनों की गैरहाजिर होने पर विघालय से रूखसत कर दिया जाता है। पुनः विकास कुमार और सुजीत कुमार को नामांकन करवाया गया। उस समय भी 50-50 रू. दिया गया। 

जब खुद को साबित कर पाने में राजपति असफल रहीं: अभी-अभी पीलिया रोग से मौत के मुंह में समा जाने वाले स्व. राजकुमार मांझी की पत्नी ममता देवी कहती हैं कि उनकी पुत्री राजपति काली हैं। मात्र रंग काला होने के कारण गुरूजी स्कूल में एडमिशन नहीं लिये। उनका कहना है कि मेरी बेटी जरूर काली हैं। मगर दिल वाली हैं। गुरूजी को उस फिल्मी गीत के मर्म को समझना चाहिए। ‘ हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाने हैं’। अब यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों गुरूजी को रंगभेदी करने करने पर उतरना पड़ा। मात्र काला रंग होने पर स्कूल में एडमिशन न हो यह बहुत ही गैरइंसाफी है।

महादलित मुसहर समुदाय के बच्चों को कर दिया अनियमितः महादलित मुसहर समुदाय के बच्चे स्कूल में अध्ययन करने जाते हैं। इनके घर के पास ही अभिमन्यु नगर में प्राथमिक विघालय है। इनके अभिभावकों के अनुसार गुरूजी उपस्थिति बच्चों को अनुपस्थित कर देते हैं। इसके कारण 75 प्रतिशत की अनिवार्य उपस्थिति करने में नाकामयाब हो जाते हैं। जो इस समय जांच का विषय बन गया है। दूध का दूध और पानी का पानी करना जरूरी है। इससे अच्छा है कि उपस्थिति की बाध्यता को ही समाप्त कर दी जाए। 

क्रमांक माता का नाम पिता का नाम छात्र/छात्रा का नाम वर्ग
1. लखिया देवी अनिल मांझी उषा कुमारी 4
                                                        आषा कुमारी 2
2.     शांति देवी        घोलटन मांझी कमलेश कुमार 3
                                        सीता कुमारी 1
3.   ममता देवी     राजकुमार मांझी   गुलाबपरि 1
4.   जीतनी देवी    विजय बिन्द अंकिता कुमारी 3
5.   श्यामझरी देवी     कृष्ण बिन्द पूजा कुमारी 2
                                                        प्रीति कुमारी             1
6.   रीता देवी       तुलसी मांझी काजल कुमारी 1
         
अन्त में आवेदन में कहा गया है कि माननीय प्रखंड विकास पदाधिकारी से आग्रह है कि जांचोपरांत पोशाक की राशि वितरण करवाने का कष्ट करेंगे।

अलोक कुमार 
बिहार 

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