‘बिहार में सिनेमा और उसका विकास’ विषय पर सेमिनार का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 4 दिसंबर 2013

‘बिहार में सिनेमा और उसका विकास’ विषय पर सेमिनार का आयोजन

मुरली मनोहर श्रीवास्तव द्वारा शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां विश्वविद्यालय की परिकल्पना की सराहना करते हुए उस्ताद के पैतृक गांव डुमरांव में खोलने के लिए विवि के नाम की घोषणा भी श्री नंदन ने किया।

पटना। भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद जी के 129 वें जन्म दिवस पर पाटलिपुत्र फिल्मस एण्ड टेलीविजन एकेडमी के तत्वावधान में ‘बिहार में सिनेमा और उसका विकास’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ता प्रो.रणवीर नंदन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास कर रहा है। प्रगति की नित्य नई इबादत लिखी जा रही है। बिहार से पलायन रोकने से लेकर सड़क-बिजली-पानी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जो आम से खास लोगों को नजर आ रहा है।  मुझे बहुत खुशी हुई की बिहार में पहली बार पाटलिपुत्र फिल्मस एण्ड टेलीविजन एकेडमी द्वारा इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। मैं इनको पूरी तरह से आश्वस्त करता हूं कि इनके बढ़ते कदम के साथ सरकार का जहां तक बन पड़ेगा सहयोग दिलाने की कोशिश करुंगा। सबसे पहले बिहार में सिनेमा की सोच रखने वाले राजेंद्र बाबू ने प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक नाजीर हुसैन और विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी के साथ मिलकर फिल्म ‘गंगा मईया तोहे पियरी चढ़ईबो’ का निर्माण कराने में महती भूमिका निभाए थे। उन्होंने यह भी बताया कि देश में सिनेमा लगभग एक लाख करोड़ का व्यवसाय करता है। जिसमें से बिहारी 40 लाख करोड़ कमाकर देते हैं। इसलिए जरुरी होगा कि बिहार में फिल्में और धारावाहिक बनें ताकि बिहार को इससे राजस्व का फायदा हो सके। मुरली मनोहर श्रीवास्तव द्वारा शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां विश्वविद्यालय की परिकल्पना की सराहना करते हुए उस्ताद के पैतृक गांव डुमरांव में खोलने के लिए विवि के नाम की घोषणा भी श्री नंदन ने किया।

फिल्म निर्देशक गिरीश रंजन ने बताया की वर्ष 1934 से बिहार में फिल्म निर्माण की नींव पड़ चुकी है। मगर इसके विकास को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका। मुझे खुशी है कि बिहार के बच्चे मुंबई से आकर बिहार में कला-संस्कृति के विकास के साथ आमदनी का जरिया भी खड़ा कर रहे हैं। दूरदर्शन की प्रमुख रत्ना पुरकायस्था ने अपने शुरुआती दौर में किए गए थियेटर के बारे में बताया साथ ही यह भी कहा की इस तरह के विकास में मेरी सहभागिता जिस रुप में खोजी जाएगी मैं तैयार हूं। अब तो दूरदर्शन भी अपने नए आयाम के साथ आ रहा है।

एकेडमी के निदेशक संतोष प्रसाद ने सिनेमा के क्षेत्र में रोजगारपरक योजनाओं को जल्द-से-जल्द विकसित करने तथा यहाँ के युवाओं को बिहार में ही काम करने का अवसर मिलने, बिहार में एक राजकीय नाट्य संस्था का निर्माण हो, स्कूल-कॉलेज में नाट्य एवं सिनेमा की तकनीकी विषयों की पढाई शुरू करने की व्यवस्था की सरकार से मांग की। प्रमोशन बेल डॉट कॉम के निदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि बिहार-झारखंड की दबी हुई कला-संस्कृति जो गांव तक ही सिमट कर रह जाती हैं, उन्हें निःशुल्क प्रमोट करने का काम डॉट कॉम के माध्यम से करुंगा।

कल्याणपुर सिमेंट के एमडी एस.पी.सिन्हा ने कहा कि फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ रोजगार का भी माध्यम है। बिहार में इस तरह की परिकल्पना सराहनीय है। इस मौके पर सैम्पटेक इन्फोलाइन प्राइवेट लि., प्रमोशन बेल डॉट कॉम को जहां आमजन के लिए लोकार्पित किया गया। समाजसेवी रियाजुद्दीन जी, सुधा सिंह राठौर, हेमंत कुमार , रितेश राउत, मनोज राउत, हिंमांशु झा, शशांक शेखर , वरिष्ठ पत्रकार निलांशु रंजन, पूनम सिंह, प्रतिभा सिंह, मोनिका भाटिया आदि प्रमुख रहे जबकि मंच का संचालन मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने किया।



आलोक कुमार
बिहार 

कोई टिप्पणी नहीं: