नालंदा। अगर किसी प्रखंड में 6 माह से सरकारी अमीन न हो तो उक्त प्रखंड का क्या हाल होगा? वहीं होगा जो मंजूरे खुदा होता है। खुदा के रहम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा चल रहा है। इस जिले के हिलसा प्रखंड में 6 माह से सरकारी अमीन ही नहीं है। इसके कारण आवासीय भूमिहीनों को जमीन देने का कार्यक्रम ही ठप पड़ गया है।
प्रगति ग्रामीण विकास समिति के नालंदा जिले के समन्वयक चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड में कामता नामक पंचायत के कामता गांव है। यहां पर 150 घर भूमिहारों का है। मुसहर 60, पासवान 30, पाण्डेय 25, कहार 4, नाई 1 और 1 घर साव का है। वर्ष 1989 में 27 महादलितों को डेढ़-डेढ़ डिसमिल जमीन दी गयी। सभी के नाम से पर्चा निर्गत किया गया है। थाना संख्या 60 है। निर्गत गैर मजरूआ जमीन को कैलाश सिंह नामक दबंग ने हथिया लिया है। जब सरकार ने गैर मजरूआ भूमि पर ग्रामीण भूमिहीन नियोजन गारंटी कार्यक्रम के तहत घर बनाने का आदेश निर्गत किया। तो दबंग कैलाश सिंह ने ठेकेदार को खदेड़ दिया। खदेड़े जाने पर ठेकेदार ने खेत के अलग पर ही मकान बनाकर चला गया। निर्मित मकार अब जर्जर हो गया है। इसके आलोक में इन्दिरा आवास योजना से 10 लोगों का मकान बना है। अल्प राशि होने के कारण मकान अधूरा ही रह गया है। आज भी खाता संख्या- 197 और खेसरा संख्या 2457 पर दबंग कैलाश सिंह का कब्जा है। जो ठेकेदार के द्वारा मकान बनाया गया। गैर मजरूआ भूमि का रकवा एक बीघा है। इसी का आवेदन हिलसा प्रखंड के सीओ को दिया गया।
अब हिलसा प्रखंड के सीओ ने प्राप्त आवेदन के आलोक में कहना शुरू कर दिये हैं कि हिलसा प्रखंड में 6 माह से सरकारी अमीन ही नहीं है। इसके कारण कार्य विलम्ब हो रहा है। निजी अमीन उपलब्ध कराने को मान्य नहीं कर रहे हैं। अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लोग ही बता पाएंगे कि कब और कितने दिनों के बाद हिलसा प्रखंड में सरकारी अमीन नियुक्त कर दिया जाएगा।
आलोक कुमार
बिहार
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