गया। जिला जल एवं स्वच्छता समिति,गया और गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा संपूर्ण गया जिले को निर्मल जिला बनाने की कवायद तेज कर दी गयी है। हाल यह है कि अब निर्मल भारत अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत करने वालों से जल एवं स्वच्छता के प्रति गंभीर होने के लिए वचनबद्ध कराया जा रहा है। इसके लिए बाजाप्ता स्वच्छता संकल्प पत्र बनाया गया है। निर्मित पत्र को पढ़कर लोगों को जल एवं स्वच्छता के प्रति संकल्प ग्रहण कराया जा रहा है।
गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिमि, फतेहपुर प्रखंड के द्वारा प्रखंड स्तरीय कार्यशाला आयोजित किया गया था। इसमें करीब 300 की संख्या में ग्रामीणों ने शिरकत किये। इसमें शामिल होने वालों से संकल्प कराया गया। हम लोग अपने जीवन के प्रत्येक कार्यकलाप में वातावरण को स्वच्छ रखेंगे एवं इसे प्रदूषित नहीं करेंगे। हम यह भी संकल्प लेते हैं कि जलवायु एवं पर्यावरण की सक्रिय रूप से रक्षा करेंगे। निर्मल भारत अभियान/लोहिया स्वच्छता योजना कार्यक्रमों के अन्तर्गत हम सभी अपने गांव एवं शहर सहित सभी बसावटों में शौचालय बनाकर एवं उसका उपयोग कर गया जिले को निर्मल बनाने में पूर्ण सहयोग करेंगे। हम निश्चय करते हैं कि संपूर्ण जिला को निर्मल जिला का गौरव प्रदान करायेंगे।
वाटर एड इंडिया के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा फतेहपुर प्रखंड में संचालित जल एवं स्वच्छता परियोजना के परियोजना समन्वयक बृजेन्द्र कुमार ने कहा कि केन्द्रीय सरकार ने 1986 में केन्द्रीय ग्रामीण स्वच्छता योजना,1999 में संपूर्ण स्वच्छता अभियान और अब जाकर 2012 में निर्मल भारत अभियान घोषित किया गया है। अबतक 27 साल के अंदर भी घर-घर में शौचालय निर्माण नहीं कराया जा सका है। इस संदर्भ में परियोजना समन्वयक ने कहा कि जल एवं स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक नहीं बनाया जा सका है। महिलाएं घर में जरूर ही घूंघट करती हैं और शौचक्रिया करने बाहर जाती हैं। सामाजिक एवं सांस्कृतिक अड़चन और सरकारी तकनीकी में गड़बड़ी है।
अब निर्मल भारत अभियान में केन्द्र,राज्य और लाभान्वितों को भी शामिल किया गया है। महात्मा गांधी नरेगा से 4500, जिला जल एवं स्वच्छता समिति,पीएचइडी से 4600 और लाभान्वित से 900 रूपए मिलाकर 10 हजार रू0 से शौचालय निर्माण कराया जा रहा है। इससे 4550 रू0 से 875 ईंट, 651 रू0 में 92 एम3 बालू, 716 रू0 में 4 एम3 गिट्टी,1240 रू0 में 4 बोरा सिमेंट,336 रू0 में 7 किलो छड़,20 रू0 में 2 किलो चूना, 375 रू0 में 1 दरवाजा,500 रू0 में 2 पी.वी.पाइप/ 1 रूरल सीट, 1134 रू0 7 दिनों की मजदूर की मजूदरी और 475 रू0 ढाई दिन की मिस्त्री की मजदूरी तय किया गया है। अब देखना है कि कितने दिनों के अंदर गया जिला को संपूर्ण निर्मल जिला बनने का गौरव प्राप्त होगा।
आलोक कुमार
बिहार
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