जम्मू-कश्मीर रणजी क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को अपमान का घूंट पीना पड़ा है। जम्मू के सवॉय होटल में मंगलवार की रात अचानक राज्य की पुलिस ने रेड मारी और अपने कमरों में सो रहे क्रिकेटरों को उठाकर उनके बारे में पूछताछ की। टीम यहां हैदराबाद के साथ ग्रुप सी का मैच खेलने के लिए आई हुई थी। जम्मू-कश्मीर की पुलिस का कहना है कि गणतंत्र दिवस से पहले यह एक रूटीन जांच थी, लेकिन खिलाड़ियों में पूछताछ की वजह से नाराजगी है।
टीम के एक खिलाड़ी ने फेसबुक पर पोस्ट के जरिए घटना को लेकर असंतोष जताया है। फास्ट बोलर समी उल्लाह बेग ने अपने पोस्ट में लिखा है, 'टीम के सदस्यों को पुलिस ने देर रात काफी समय तक तंग किया। हमें रात 1.15 पर जगाया गया और उसके बाद घंटों पूछताछ की गई। जगने के बाद पुलिस की वर्दी हथियारों से लैस लोगों को देखकर हम भयभीत हो गए। इससे हमारा प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है और हम मैच हारने से क्वॉर्टर फाइनल में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।'
वह आगे लिखते हैं, 'पता नहीं यह जानबूझकर किया गया उत्पीड़न था या रूटीन जांच, लेकिन इतना तो तय है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। वह भी तब जब हम जम्मू-कश्मीर के क्रिकेट इतिहास का सबसे अहम मैच खेल रहे हैं।'
जम्मू के आईजी राजेश कुमार ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस की सुरक्षा व्यवस्था के तहत शहर के तमाम होटेलों में औचक निरीक्षण किया जा रहा है। उसी के तहत उस होटेल की जांच हुई थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान खिलाड़ियों को किसी प्रकार से तंग नहीं किया गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उनके पास यह सूचना थी कि सपोर क्षेत्र से कुछ आतंकवादी गणतंत्र दिवस पर वारदात करने के इरादे से जम्मू में घुस आए हैं। भारतीय टीम के सदस्य रहे परवेज रसूल ने कहा देर रात पुलिस उनके होटेल में जरूर आई थी, लेकिन उन्होंने इसे गणतंत्र दिवस की रूटीन जांच बताया था।
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