गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के पीएम कैंडीडेट नरेंद्र मोदी को अदालत से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन अदालत ने एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करते हुए नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दिया है। वहीं अदालत ने दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी द्वारा क्लोजर रिपोर्ट को दी गई चुनौती को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि एसआईटी ने मोदी को क्लीन चिट दी थी।
दरअसल एसआईटी ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि मोदी और अन्य दूसरे लोगों के खिलाफ इस मामले में उसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने इस रिपोर्ट को चुनौती दी थी। उनकी दलील है कि मोदी और अन्य लोगों जिनमें पुलिस अफसर, नौकरशाह और नेता शामिल हैं, उनके खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
जकिया की अर्जी के मुताबिक गोधरा कांड के बाद मोदी ने आला पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया था कि पुलिस हिंदुओं को मुसलमानों पर अपना गुस्सा निकालने से न रोके। संजीव भट्ट के हलफनामे में भी ये बात कही गई है। मोदी ने भड़काऊ भाषण दिए थे जिनकी वजह से समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ी। मोदी सरकार के मंत्री पुलिस कंट्रोल रूम में मौजूद थे और पुलिस के कामकाज में दखल दे रहे थे।
जकिया की याचिका के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी से इस मामले की जांच कराई थी। सितंबर 2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसआईटी ने फरवरी 2012 में मेट्रोपोलिटन कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। एसआईटी के वकील ने अपनी दलील में कहा था कि जांच एजेंसी को मोदी और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक केस चलाने के लिए कोई सबूत नहीं मिले, इसीलिए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई।
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