बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम कानून बनाने से पहले राज्यों के साथ राजनीतिक स्तर पर विचार-विमर्श होना चाहिए। पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राजनीतिक फायदा लेने के लिए सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम कानून के वे हिमायती हैं, लेकिन इसके लिए केवल प्रशासनिक स्तर पर विमर्श होना प्र्याप्त नहीं है, इसके लिए राज्यों से व्यापक स्तर पर राजनीतिक विमर्श होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के लिए बहुत अरसे से बातचीत चल रही है, इसको लेकर कई बैठकें भी बुलाई गईं। सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिए एक उपयुक्त कानून बनना ही चाहिए।
नीतीश ने कहा कि जब तक इस विधेयक में इस बात को सम्मिलित नहीं किया जाएगा कि जो राज्य सांप्रदायिक हिंसा को रोकने में कोताही बरतते हैं, वैसी स्थिति में उस इलाके को अशांत क्षेत्र घोषित कर वहां केंद्रीय बलों के माध्यम से हिंसा नियंत्रित करें, तब तक वह अपूर्ण रहेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसे विधेयक को लाने का मतलब केंद्र सरकार की मंशा सांप्रदायिक हिंसा को रोकना नहीं, सिर्फ चर्चा चलाने का है।
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