जाति सूचक गाली और डायन कह-कर पीटा
नरकटियागंज(पच) अनुमण्डल के सहोदरा थाना काण्ड संख्या 72/13 जो अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण व डायन बताकर प्रताडि़त करने से संबंधीत है। इस मामले में अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी संजय कुमार ने अनुसंधान किया है। विभागीय सूत्रों की माने तो उक्त काण्ड की पीडि़ता रूकमीनी देवी पर हुए जुल्म सत्य पाये गये है। गौरतलब है कि काँटा टोला देवाड़ की पीडि़ता के घर विगत 8 सितम्बर 2013 की रात्री करीब 4 बजे, उसी गाँव के मदन साह, विट्टू साह और राबड़ी देवी आ धमके चमईन और डायन कहकर शोर मचाने लगे जगने पर भद्दी-भद्दी गालियाँ दी। इस बाबत उन लोगों ने कहा कि बैजू भगत ने बताया है कि वह डायन हो गयी है। इतना कहकर उन लोगों ने पीडि़ता को पीटा और उसके पति को गालियाँ देते हुए जानमारने की धमकी भी दी। उनका कहना है कि इस मोहल्ले में एक महिला है, जो डायनजोगन है।
मानवाधिकार का उलंघन बंद करे प्रबंधन: राष्ट्रीय श्रमिक संघ
नरकटियागज(पच) भारतीय मजदूर संघ से संबद्धता प्राप्त राष्ट्रीय श्रमिक संघ ने न्यु स्वदेशी सुगर मिल के मुख्य दरवाजे पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार धरना दिया। संघ के अध्यक्ष अर्जून भारतीय अपनी 20 सूत्री मांगों के समर्थन में विस्तार पूर्वक उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रबंधन द्वारा मजदूरों का व्यापक पैमाने पर शोषण किया जा रहा है। आरएन शर्मा महामंत्री ने कहा कि प्रबंधन मानवाधिकार का खुल्लम-खुला उलंधन कर रहा है। यदि प्रबंधन उसपर अंकुश नहीं लगायेगा तो हालात विस्फोटक हो सकते है। वक्ताओं ने यह भी कहा कि श्रमिक संघ के आन्दोलन से यदि कारखाना की श्रम शक्ति व शांति भंग होगी तो इसके लिए जिला प्रशासन व प्रबंधन स्वयं जिम्मेदार होगा। धरना में संजय चैरसिया, विनय कुमार, नथुनी पाण्डेय, रवीन्द्र पाण्डेय व अन्य ने विचार व्यक्त किया। उक्त कार्यक्रम में चीनी मिल के ढेर सारे कर्मचारी व मजदूर शामिल हुए। धरना स्थल पर शांति व विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी डाॅ. चन्द्रशेखर तिवारी सदल बल मौजूद दिखें। उस दौरान संघ के लोेग पूर्णतःशांतिपूर्वक धरना पर बैठे रहे और वक्ताओं को सुनते रहे।
विकास के प्रणेता व दूरदर्शी थे स्व.आलोक प्रसाद वर्मा: दिलीप
नरकटियागंज(पच) आलोक विचार मंच के तत्वावधान में नरकटियागंज के विकास कार्य के प्रणेता स्व.आलोक प्रसाद वर्मा उर्फ ओम बाबू की प्रथम पुण्यतिथि श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। नरकटियागंज शहर के शिवगंज स्थित एक निजी विद्यालय के अहाते में आलोक विचार मंच के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सिकटा विधायक दिलीप कुमार वर्मा ने कहा कि वे दूरदर्शी और पूणर््तः समाज के प्रति समर्पित रहे, वाकई आलोक ने समाज को आलोकित किया है। आज उनकी कमी से न सिर्फ नरकटियागंज वरन् पूरा समाज महसूस करता है। उनके बच्चों को ईश्वर शक्ति दे ताकि वे समाज के लिए उनके बताये मार्ग पर चलकर अनुकरणीय कार्य करे। नरकटियागंज के विकास में उनके योगदान को लोगो ने देर से समझा तो ऐसा लगा मानो (क्षेत्र के लोग) हुजूर! व्यक्ति को पहचानते-पहचानते बहुत देर कर दी। स्व. वर्मा को विकट परिस्थितियों में भी साहस व धैर्य धारण करते उनके करीब रहने वालों ने देखा है। उपर्युक्त वक्ता के अलावे अखिलेश राज, डाॅ.रामप्रकाश कुशवाहा, मधूप वर्मा, दिलीप कुमार, अवधकिशोर सिन्हा, सुबोध कुमार जायसवाल, रंजीत वर्मा, शशिकांत पाण्डेय और मधुसूदन चतुर्वेदी ने अपने वचन से आलोक प्रसाद वर्मा को श्रद्धासुमन अर्पित किया। श्रद्धांजलि समारोह में आलोक प्रसाद वर्मा की पुत्री अंशा वर्मा और पुत्र अंशुमन के अलावे शंकर प्रसाद गुप्ता, अशर्फी प्रसाद, तारकेश्वर तुफानी, राजेश जायसवाल, मनौवर आलम, महम्मद हसनैन, राजेश प्रसाद, राजेश गुप्ता, रमेश कुमार उर्फ भोला शर्मा, बबलू वर्मा, महम्मद सज्जाद, अमजद अली, अनील वर्मा, विजय वर्मा, शाहनवाज रिजवान व अन्य उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया। स्व.वर्मा की पुण्यतिथि पर उनकी एक मानद पुत्री भी श्रद्धांजलि देने पहुँची जिसका विवाह संबंध उन्होने सम्पन्न कराया था। उनका जन्म 12 जनवरी 1959 में क्षेत्र के डी.के. शिकारपुर नामक राजनीतिक घराने में हुआ था। वे बच्चे, बूढे व जवान सबके बीच लोकप्रिय रहे, जिसका कारण उनका मृदुभाषी होना रहा। वे 24 दिसम्बर 2012 को पटना स्थित अपने आवास पर हृदयगति रूकने के कारण हमारे बीच नहीं रहे। किसी पद पर नहीं रहते हुए उन्होंने शहर व क्षेत्र के लिए वह कर दिखाया जो कोई पद पर रहकर आज तक नहीं कर सका हैं। वे शिकारपुर घराना के सबसे लोकप्रिय व्यक्ति रहे यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। उनकी शव यात्रा किसी बडे नेता या मंत्री की शवयात्रा से कम नहीं थी। युँ कहे कि अभूतपूर्व संख्या में लोग शामिल हुए ”न भूतो न भविष्यति“। आलोक विचार मंच के श्रद्धांजलि सभा का संचालन रामेश्वर प्रसाद कुशवाहा ने किया।
---अवधेश कुमार शर्मा---
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