लालकृष्ण आडवाणी ने चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार को आपातकाल के बाद के चुनावों की सबसे बुरी हार करार देते हुए आज कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस घटकर दोहरे अंकों में सिमट सकती है। आडवाणी ने अपने ब्लॉग में कहा, मेरा मानना है कि कांग्रेस पार्टी के लिए हाल के विधानसभा चुनावों में मिली हार आपातकाल के बाद की दूसरी सबसे बुरी पराजय है, हालांकि कांग्रेस ने वोट खरीदने के सभी प्रयास किये। कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ और दिल्ली में हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में बुरी तरह हारी है।
आडवाणी ने कहा कि विशेष रूप से राजस्थान में चुनाव से ऐन पहले कई फैसले किये गये, ताकि मतदाताओं को लुभाया जा सके। भ्रष्टाचार, महंगाई, काला धन इत्यादि से संबद्ध मेरे पूर्व के ब्लाग में मैंने टिप्पणी की है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में हैरत में मत पडियेगा, यदि कांग्रेस के दोहरे अंकों में सिमट जाए। उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण चुनावी मुकाबला अभी अभी समाप्त हुआ है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले साल में एक अन्य महत्वपूर्ण लडाई लडी जानी है, जिसमें सोनिया गांधी-मनमोहन सिंह सरकार का भविष्य तय होगा।
आडवाणी ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी को आगाह करने के लिए 1977 में आपातकाल के बाद के लोकसभा चुनाव का अकसर स्मरण करते हैं। भाजपा ने भ्रष्टाचार, घोटालों को लेकर संप्रग सरकार को निशाना बनाया है। उसने मांग की है कि कर पनाहगाहों में जमा भारतीय काले धन को वापस देश लाया जाए। इस मुद्दे को आगे बढाने के लिए आडवाणी ने 2011 में जन चेतना यात्रा निकाली थी।
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