बिहार भाकपा ने नक्सली हमले की निन्दा और दूध मूल्य वृद्धि का विरोध - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 दिसंबर 2013

बिहार भाकपा ने नक्सली हमले की निन्दा और दूध मूल्य वृद्धि का विरोध

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कल शाम औरंगाबाद जिले में पुलिस कर्मियों पर नक्सली हमले की तीव्र निन्दा की है तथा इस हमले में शहीद हुए सभी आठ पुलिस कर्मियों की असमायिक मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है।आज यहां जारी अपने बयान में पार्टी के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि कल शाम में औरंगाबाद जिले के टंडवा थानान्तर्गत उग्रवादियों ने लैंड माइंस विस्फोट कर पुलिस जीप को उड़ा दिया। जीप में सवार टंडवा थानाध्यक्ष सहित सभी आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना पर राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने दुख प्रकट किया है और ऐसी घटनाओं को नहीं रोक पाने के लिए राज्य सरकारकी आलोचना की है। इन्होंने कहा कि बिहार में हिंसा की घटनाएँ काफी बढ़ गई है। अपराधी और उग्रवादी बेखौफ होकर हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और राज्य सरकार हिंसक घटनाओं को रोक पाने में विफल हो रही है। जिस राज्य में सशस्त्र पुलिस अधिकारी और पुलिस के जवान सुरक्षित नहीं हैं उस राज्य के आम लोगों की सुरक्षा कैसे होगी? यह एक गंभीर चिन्ता का विषय है। 
कम्युनिस्ट नेता ने कहा है कि बिहार में उग्रवादी संगठन काफी सक्रिय हैं और नित्य-प्रतिदिन हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इन उग्रवादी हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। राज्य में आर्थिक-सामाजिक समस्याओं का निदान नहीं होने से गरीबों, दलितों और अन्य कमजोर वर्गों में असंतोष और आक्रोश बढ़ रहा है। इन्हीें जन असंतोष और जनाक्रोश के बीच से उग्रवाद का उदय और विकास होता है। भूमि सुधार के प्रश्न पर राज्य सरकार का नकारात्मक रवैया और दलितों एवं कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने में राज्य सरकार की असफलता ऐसे कुछ कारण हैं जिससे उग्रवाद बढ़ रहा है। अपनी इन कमजोरियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार को सचेष्ट प्रयास करना चाहिए। राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने उग्रवादी हिंसक घटनाओं को भी अनुचित बताया है। आम जनता की समस्याओं को हिंसा के जरिये हल नहीं किया जा सकता। उग्रवादियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर आन्दोलन का जनवादी तरीका अपनाना चाहिए।     

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने सुधा दूध के मूल्य में दो रूप प्रति लीटर वृद्धि करने के फैसले का विरोध किया है तथा इसे वापस लेने की मांग की है। राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने आज यहां जारी अपने बयान में कहा है कि खाद्य पदार्थों की कीमत इतनी अधिक बढ़ गई है कि आम आदमी अपने दैनिक उपभोग की वस्तुएँ खरीदने में असमर्थ है। महंगाई से परेशान आम आदमी पर हर ओर से महंगाई की मार पड़ रही है। अभी दो दिन पहले डीजल की कीमत में वृद्धि की गई है। इसका प्रतिकूल असर आम आदमी पर पड़ा है। अब दूध की कीमत में बढ़ोतरी कर दी गई है। दूध पहले से ही बहुत महंगा है। जिस कारण गरीब और निम्न मध्यवर्गीय परिवार के बच्चे दूध के उयोग से वंचित है। अब दूध और ज्यादा महंगा होने से ज्यादा बच्चों को दूध नहीं मिलेगा। राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने  राज्य सरकार से मांग की है कि बच्चों के हिंतों को ध्यान में रखते हुए अविलंब हस्तक्षेप करे और सुधा दूध के दाम में की गई वृद्धि को वापस ले।  

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