बिहार : भूमि अधिकार के लिए भूमि जन संवाद यात्रा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 18 दिसंबर 2013

बिहार : भूमि अधिकार के लिए भूमि जन संवाद यात्रा

fight for land bihar
सरकार की इच्छाशक्ति जगाने के लिए राज्य के एक करोड़ लोगों की जनमत तैयार करने की। इसी मकसद से यह भूमि जन संवाद यात्रा आयोजित की गयी है। इसके अलावे समाज में जो जागरूक हैं उन्हें एकताबद्ध और संगठित होने का प्रेरित करना है।

गया। अब भूमि अधिकार को लेकर जन संगठन दलित अधिकार मंच भी सक्रिय हो गया है। दलित अधिकार मंच के तत्वावधान में भूमि अधिकार के लिए भूमि जन संवाद यात्रा आयोजित की गयी है। दलित अधिकार मंच के प्रांतीय संयोजक कपिलेश्वर राम ने कहा कि भूमि जन संवाद यात्रा प्रारंभ हो गयी है। जहानाबाद जिले से 16 दिसम्बर को 10 बजे से यात्रा आरंभ की गयी। 3 बजे गया जिले में प्रवेश कर गयी। इसके बाद गया जिले से निकलकर 17 दिसम्बर को 12 बजे दिन में रोहतास जिले में चली जाएगी।

दलित अधिकार मंच के प्रांतीय संयोजक कपिलेश्वर राम ने आगे कहा कि आजादी के 66 साल बाद और संविधान लागू होने तथा जमींनदारी उन्मूलन के 63 साल बाद भी दलितों को भूमि का अधिकार नहीं मिला। राज्य की 10 फीसदी आबादी यानी एक करोड़ से ज्यादा लोग भूमिहीन हैं।  इसमें 6 लाख परिवार तो आवासीय भूमिहीन हैं जिनको झोपड़ी बनाकर रहने के लिए जमीन का एक टुकड़ा भी नहीं है। वे इंदिरा आवास योजना पाने से भी वंचित हो जाते हैं। यहां तक की नागरिकता से भी वंचित हो जाते हैं। इसका प्रमाण है कि जो शख्स पंचायत नगर निकाय चुनाव में वास की जमीन का ब्योरा देने में अक्षम हो जाते हैं तो उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाती है। 

बेघर भूमिहीन बंधुआ मजदूर की तरह जीने को मजबूर हैं। इनमें भी सबसे बड़ी तादाद दलितों की है। वे अनुसूचित जाति/जन जाति पिछड़े तथा मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के लोग हैं। जमीन के अभाव में दलितों को समानता और सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने का बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर का सपना पूरा नहीं हो सका। बाबा साहेब के सपना को पूरा करने के लिए एक जोरदार भूमि अभियान चलाना है। मकसद है कि बेघर भूमिहीन परिवारों को वास के लिए कम से कम 10 डिसमिल और सभी भूमिहीन परिवारों को जोतने के लिए कम से कम दो एकड़ जमीन दिलाना है। यह संभव है कि 10 एकड़ की भू हदबंदी कानून को सख्ती से लोगू करके और भूदान यज्ञ कमिटी के पास की जमीन तथा सरकारी गैरमजरूआ जमीन निकालकर भूमिहीनों के बीच वितरण किया जा सकता है। इससे सिर्फ पूर्व जमींदार प्रभावित होंगे जो कृशक आबादी का मात्र 3.5 फीसद है। यह संविधान के अनुकूल है और भूमि सुधार कार्यक्रम के रूप में स्वीकृत है। जरूरत है सरकार की इच्छाशक्ति जगाने के लिए राज्य के एक करोड़ लोगों की जनमत तैयार करने की। इसी मकसद से यह भूमि जन संवाद यात्रा आयोजित की गयी है। इसके अलावे समाज में जो जागरूक हैं उन्हें एकताबद्ध और संगठित होने का प्रेरित करना है।। 

दक्षिण और उत्तर बिहार के जिले जहानाबाद, गया, रोहतास, बक्सर, बिहिया, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, जमुई, बेगूसराय, खगड़िया,पूर्णिया, सहरसा, दरभंगा, समस्तीपुर,मुजफ्फरपुर,पूर्वी चम्पारण में भूमि अधिकार सम्मेलन करते हुए पटना पहुंचेगी। जहां श्रीकृष्णा मेमोरियल हॉल में हजारों की संख्या में महासम्मेलन होगा। 25 दिसम्बर को भूमि महासम्मेलन 11 बजे से शुरू होगा। 



आलोक कुमार
बिहार 







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