केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने सोमवार को कहा कि कानून की एक प्रशिक्षु के यौन प्रताड़ना के आरोपी सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए.के.गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, "अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल द्वारा किए गए हालिया रहस्योद्घाटन और एक राष्ट्रीय अखबार में प्रकाशित तथ्यों को देखते हुए मेरे विचार से तो न्यायाधीश गांगुली को स्वयं ही इस्तीफा सौंप देना चाहिए।"
एएसजी इंदिरा जयसिंह ने रविवार को कानून प्रशिक्षु के शपथ पत्र को सार्वजनिक कर दिया। इसके कारण ही तीन न्यायाधीशों की समिति बनाई गई थी जिसने संकेत किया कि गांगुली का व्यवहार कानून प्रशिक्षु के साथ ठीक नहीं था। सिब्बल ने इससे पहले कहा कि कानून की एक प्रशिक्षु के यौन प्रताड़ना के आरोपी अवकाश प्राप्त न्यायाधीश ए.के.गांगुली के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय को मामला चलाना चाहिए।
सिब्बल ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, "मुझे उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय न्यायमूर्ति ए.के.गांगुली के खिलाफ उसी तरह से कार्रवाई करेगा जैसे महिलाओं की सुरक्षा के मामले में वह आम आदमी के साथ करता है।" उन्होंने कहा, "इसलिए मुझे उम्मीद है कि न्यायालय कार्रवाई करेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह न्यायालय के ही एक अवकाश प्राप्त न्यायाधीश हैं या कोई और।"
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