आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार की ओर से संसद में पेश किए गए लोकपाल विधेयक को रविवार को खारिज कर दिया। आप ने कहा कि यह विधेयक कमजोर है और इससे भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा, बल्कि यह भ्रष्ट लोगों को बचाने का काम करेगा। आप सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा, "इस लोकपाल विधेयक में लोकायुक्तों के गठन का प्रावधान नहीं है, इसमें खुलासा करने वालों की हिफाजत करने का प्रावधान नहीं है, और यह सरकार से मुक्त नहीं है।"
प्रशांत भूषण ने कहा, "यदि यह विधेयक भ्रष्टाचार रोकने में असमर्थ है तो फिर इसे पारित करने का क्या मतलब है?" उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भ्रष्ट लोगों को बचाएगा। आप नेता अरविंद केजरीवाल ने इस बीच कहा कि इस विधेयक में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आजादी नहीं दी गई है।
केजरीवाल ने कहा, "वे इस विधेयक में सीबीआई को स्वतंत्र नहीं कर रहे हैं। यदि सीबीआई स्वतंत्र हो जाए तो प्रधानमंत्री भी 2जी या कुछ अन्य घोटालों में जेल जा सकते हैं।" लोकपाल विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा की प्रवर समिति ने उसमें काफी संशोधन किए, और शुक्रवार को इस विधेयक को बहस के लिए राज्यसभा में पेश किया गया।
राज्यसभा में विधेयक पारित हो जाने के बाद मंजूरी के लिए उसे लोकसभा में भेजा जाएगा। सरकार ने कहा है कि वह विधेयक को इसी सत्र में पारित करने के लिए बचनबद्ध है। संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।
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