शिमला, 23 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवाएं प्राधिकरण व उच्च न्यायालय की मध्यस्थता समिति द्वारा आज हि.प्र. उच्च न्यायालय में मध्यस्थता पर एक दिवसीय क्षेत्रीय कांफ्रैस का आयोजन किया गया । कांफ्रेैंस का उद्घाटन हि0प्र0उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर ने किया । अपने उद्घाटन भाषण में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मध्यस्थता प्रणाली लोगों के आपसी झगडों के शीघ्र निपटारे हेतु कारगर सिद्ध हुई है । जिससे न केवल जनता के धन व समय की बचत होती है अपितु आपसी झगडो के निपटारे से समाज में आपसी मेलजोल व प्रेम भावना में भी वृद्धि होती है । उन्होंने कहा कि हि.प्र.मध्यस्थतता मॉनीटरिंग कमेटी एक कैम्पस मध्यस्तता जागरूकता सप्ताह का भी आयोजन करेंगी जिसमें युवा वर्ग को आपसी विवादों के मैत्रीपूर्ण समाधान के लिए प्रेरित किया जायेगा । इसमें विद्यार्थियों के लिए मध्यस्थता वार्ता, अध्यापकों के लिए सैमीनार तथा प्रर्दशनी का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें सभी शिक्षण संस्थानों को शामिल किया जायेगा । उन्होंने बताया कि आज आयोजित कांॅफ्रैंस में शिमला, सोलन, सिरमौर तथा किन्नौर जिलों से लगभग 160 न्यायिक अधिकारियों व अधिवक्ताओं को मध्यस्थता के कारगर उपायों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया । इन चारों जिलों में मध्यस्थता गतिविधियों पर किए जा रहे कार्यो बारे जानकारी दी गई ।
अब तक हिमाचल प्रदेश में 201 मध्यस्थों को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा 11 वैकल्पिक विवाद निपटारा केंद्रों का निर्माण किया जा रहा हेै । जनवरी से अक्तूबर 2013 तक 210 विवादित मामलों का निपटारा इस प्रणाली के माध्यम से किया जा चुका है । न्यायधीश संजय करोल व न्यायाधाीश डी.डी.सूद ने भी इस अवसर पर अपने सम्बोधन में क्षेत्रीय कांफ्रैस के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागी न्यायिक अधिकारियों को इस प्रणाली द्वारा विवादों के तुरन्त निपटारे करवाने में सहायक सिद्ध होगा । हि.प्र.न्यायिक सेवायें प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री वीरेन्द्र सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया । कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने इस अवसर पर मध्यस्थता पर एक ‘हैंडबुक’ विवरण पुस्तिका का भी विमोचन किया । इस अवसर पर न्यायाधीश कुलदीप सिंह, राजीव शर्मा, वी.के. शर्मा, धर्मचंद चौधरी भी उपस्थित थें । हि.प्र. उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ए.सी.डोगरा, सुरेश्वर ठाकुर, सुशील कुकरेजा, के.एस.चंदेल,अरविंद मल्होत्रा, वीरेन्द्र सिंह व चारों जिलों के जिला न्यायिक सेवायें प्राधिकरणों के अध्यक्ष भी उपस्थित थें
( विजयेन्दर शर्मा)
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