पचमढ़ी उत्सव के द्वितीय दिवस आदिवासी लोक नृत्यों ने मचाई धूम
सुश्री आकृति मेहरा के द्वारा प्रस्तुत गीतों ने समा बांधा
सतपुड़ा की वादियों में नववर्ष 2014 के स्वागत के लिये आयोजित पचमढ़ी उत्सव के द्वितीय दिवस आज शाम कलाकारों द्वारा आदिवासी लोकनृत्यों की आर्कषक प्रस्तुतियां दी गई। प्रस्तुतियों में छिंदवाड़ा का भारिया रमडोल लोकनृत्य, बैतूल का छाछपाटा आदिवासी लोक नृत्य एवं मध्य रेल आमला मण्डल नागपुर के सुनील पंत एवं उनके समूह द्वारा प्रस्तुत आदिवासी परिवेश का लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया। इन लोक नृत्यों को पचमढ़ी उत्सव में उपस्थित दर्शकों एवं पर्यटकों ने खूब सराहा। राज्य स्तरीय लता मंगेशकर अवार्ड एवं एस.डी.बर्मन सूर्यमणी अवार्ड से सम्मानित भोपाल की गायिका सुश्री आकृति मेहरा के द्वारा जैसे ही ''सत्यम शिवम सुंदरम'' एवं ''दिल में तुझे बिठाकर रखलू मैं बंद आंखे'' गीतों की प्रस्तुति दी गई श्रोता झूमने पर मजबूर हो गये। सुश्री मेहरा ने ''शिव भजन'', ''सोलह बरस की बाली उमर को सलाम'', ''झुमका गिरा बरेली के बाजार में'', की प्रस्तुतियाें ने भी को श्रोताओं ने खूब सराहा।
पचमढ़ी उत्सव में 27 दिसंबर के कार्यक्रम
27 दिसंबर को सायं 7 बजे से सेना शिक्षा कोर प्रशिक्षण कालेज एवं केन्द्र पचमढ़ी में प्रसिध्द आर्मी बैण्ड की प्रस्तुति दी जावेगी इसके पश्चात् हास्य कवि सम्मेलन आयोजित होगा जिसमें कवि अशोक नागर, दिनेश देहाती, ब्रजकिशोर पटैल, राकेश वर्मा हैरत, सारिका सरगम, हरगोविंद परसाई, नित्य गोपाल कटारे द्वारा अपनी कविताओं को प्रस्तुत किया जावेगा।
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