आम चुनाव के बाद नई लोकसभा के गठन में अब 150 से भी कम दिन बचे हैं। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव जीतने के लिए तैयारियां तेज कर दी है। सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने के साथ ही पार्टियां गठबंधन के भी समीकरण साधने में जुटी हुई हैं। वे अभी से बड़े-बड़े वादे भी करने लगी हैं।
संसद में मुख्य विपक्षी पार्टी यानी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने दो दिनों पहले दिल्ली में बीजेपी के अगले 100 दिनों के कार्यक्रम की रूपरेखा तय कर दी थी। अब 'मोदी फॉर पीएम' कैंपेन को सफल बनाने के लिए तीन वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है। नरेंद्र मोदी की पार्टी ने लोकलुभावन वादों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी तो इनकम टैक्स और सेल्स टैक्स खत्म कर दिया जाएगा।
कांग्रेस राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा की राष्ट्रीय जनता पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन बनाने पर बात कर रही है। पार्टी बिहार में भी आरजेडी या जेडीयू के साथ गठबंधन कर सकती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि 17 जनवरी को कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट करेगी। देश की दो मुख्य पार्टियों-कांग्रेस और बीजेपी के अलावा बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, एनसीपी और लेफ्ट पार्टियां भी अपनी रणनीति पर काम कर रही हैं।
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