करीब एक महीने पहले क्रिकेट को अलविदा कह चुके महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने रविवार को कहा कि देश के पास फीफा विश्वकप-2022 में पहुंचने का सुनहरा अवसर है। भारत को फीफा यू-17 विश्वकप की मेजबानी मिलने से अति प्रसन्न सचिन ने कहा कि हालांकि इसके लिए देश को इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने एवं लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सही दिशा में लगातार कार्य करने की जरूरत है। यहां एक पांच सितारा होटल में फीफा विश्वकप ट्रॉफी के अनावरण समारोह के अवसर पर सचिन ने कहा, "हमें जमीनी हकीकत को पहचानना होगा, और इस पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें लगातार इस दिशा में कदम बढ़ाने की जरूरत है। हम जितना अधिक इस दिशा में बढ़ेंगे और अपना ध्यान केंद्रित रख पाएंगे, हमें उसका परिणाम मिलेगा।"
सचिन ने आगे कहा, "आप एक छलांग में 100वीं मंजिल पर नहीं पहुंच सकते। इसके लिए आपको भूतल से जाना ही होगा।" विश्व के सार्वकालिक महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन ने पिछले महीने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। सचिन ने फीफा विश्वकप ट्रॉफी के अनावरण अवसर पर कहा, "भारत के पास फीफा विश्वकप-2022 में पहुंचने का सुनहरा अवसर है।"
उन्होंने आगे कहा, "अंडर-17 विश्वकप बहुत ही शानदार अवसर है, तथा फीफा विश्वकप में प्रवेश करने के लिए हमें बहुत अधिक योजनाबद्ध तरीके से कठिन मेहनत करने की जरूरत है। साथ ही इसके लिए हमें सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी तथा अवसंरचना का निर्माण करना होगा।"
1983 में भारतीय क्रिकेट टीम के आईसीसी विश्वकप विजेता बनने से जुड़े अपने संस्मरणों को याद करते हुए सचिन ने कहा, "1983 मेरे जीवन का बहुत महत्वपूर्ण वर्ष रहा, तथा कपिल को विश्वकप ट्रॉफी के साथ देखना बेहद सुखद क्षण था। जब मैंने उस समय कपिल को विश्वकप ट्रॉफी थामे देखा, तो मैंने खुद से कहा कि एक दिन मैं भी वहां पहुंचना चाहता हूं और विश्वकप ट्रॉफी उठाना चाहता हूं।"
सचिन ने आगे कहा, "तभी से मैं अपना वह सपना जी रहा था, जिसे पूरा होने में 22 वर्ष लग गए।" सचिन 2011 में भारत के विश्वकप विजेता बनने के बारे में कह रहे थे। इस अवसर पर सचिन के अलावा कोका कोला हैप्पिनेस के एंबेसडर एवं पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सौरव गांगुली तथा चुनी गोस्वामी और गुरबख्श सिंह जैसी खेल हस्तियां भी मौजूद थीं।
फीफा विश्वकप-1970 की विजेता ब्राजीलियाई टीम के कप्तान कार्लोस एल्बटरे टोरेस ने फीफा विश्वकप ट्रॉफी का अनावरण किया तथा नेपाल से होते हुए ट्रॉफी भारत लाई गई। इसके बाद फीफा विश्वकप ट्रॉफी को 25 दिसंबर को मलेशिया ले जाया जाएगा। विश्व के सार्वकालिक डीफेंडर माने जाने वाले कार्लोस ने कहा वह वास्तव में एक दिन भारत को विश्वकप खेलते देखना चाहते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें