बिहार : सत्य और अहिंसा के पुजारी बापू जी के राह पर चलकर 7 बीघा जमीन पर कब्जा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 दिसंबर 2013

बिहार : सत्य और अहिंसा के पुजारी बापू जी के राह पर चलकर 7 बीघा जमीन पर कब्जा

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गया। सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी के राह पर चलकर 7 बीघा जमीन पर कब्जा किया गया। कब्जा करवाने के दरम्यान खून का एक कतरा भी बहाने की जरूरत नहीं पड़ी। 135 आवासीय भूमिहीनों को 3 डिसमिल जमीन देकर बसा दिया गया।  इसमें 117 मुसहर, 15 दास,2 चौधरी और 1 साव परिवार के लोग हैं। अब सरकार के नौकरशाह सीओ के दरबार में जाकर वासगीत पर्चा निर्गत करने का आग्रह किया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि जन संगठन एकता परिषद के द्वारा देश,प्रदेश और विदेश में भूमि अधिकार के मसले को लेकर कार्य किया जाता है। जाने-माने गांधीवादी चिंतक पी.व्ही.राजगोपाल के द्वारा जन संगठन एकता परिषद स्थापित किया गया है। यह संगठन गांधी,विनोबा,जयप्रकाश के बताये मार्ग सत्य और अहिंसा पर चलकर प्राकृतिक संसाधन जल,जंगल और जमीन को जनता के अधीन करने के लिए कार्यशील है। 

अभी एकता परिषद के द्वारा गया जिले में भी कार्य किया जा रहा है। एकता परिषद के सदस्य विश्णुधारी यादव ने कहा कि बोधगया प्रखंड के शेखवाड़ा पंचायत के शेखवाड़ा गांव में मठ के संचालक रामावधार सिंह के 7 बीघा परती जमीन पड़ी थी। इस जमीन को उपयोग करने के लिए शेखवाड़ा गांव के लोगों ने सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था कि इस जमीन पर उच्च विघालय और 10 जमा 2 विघालय सृजन कर दिया जाए। 

दूसरी ओर एकता परिषद का तीन माह से प्रयास चल रहा कि मठ के संचालक की जमीन पर आवासीय भूमिहीनों को बसाया जाए। इस बीच भूमि अधिकार मोर्चा भी बना लिया गया। आज कुआं खोदकर पानी पीने वाले शेखवाड़ा गांव के महादलित एवं अन्य लोगों का सहयोग मिलने लगा। इस ओर आवासहीन बालजीत मांझी, वकील मांझी,सिद्धानी मांझी,सुन्दरी देवी,महेश्वरी देवी आदि सक्रिय भूमिका अदा करने लगे। सभी लोगों के सामूहिक प्रयास से 135 लोगों के बीच में इंसाफ की तराजू में तौलकर 3-3 डिसमिल जमीन दे दी गयी। अभी लोग झोपड़ी बनाकर रहने लगे हैं। 

कुछ दशक पूर्व खूनी संघर्ष करने के बाद ही जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है का नारा लगाकर जमीन पर कब्जा किया जाता था। इस बार बापू के मार्ग सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। अब सरकार का दायित्व बनता है। इन लोगों को वासगीत पर्चा निर्गत कर दें। कारण कि सरकार के नौकरशाहों के द्वारा कहा जाता है कि आप जमीन खोजकर दें ताकि औपचारिकता आसानी से कर दें। अब लोग जमीन खोजकर दे दिये हैं और आपका दायित्व होता है कि उनको वासगीत पर्चा दें। 



आलोक कुमार
बिहार 

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