जस्टिस गांगुली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लॉ इंटर्न ने एक बार फिर गांगुली को कठघरे में खड़ा किया है। लॉ इंटर्न ने अपने ताजा ब्लॉग में आरोप लगाया है कि इस मामले में गांगुली की सफाई सफेद झूठ के सिवा कुछ नहीं।
इससे पहले जस्टिस गांगुली ने एक बार फिर अपनी बेगुनाही की सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने कभी किसी महिला इंटर्न का यौन शोषण नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पी सतशिवम को लिखी चिट्ठी में गांगुली ने आरोप लगाया है कि अपने कार्यकाल के दौरान लिए गए कुछ फैसलों की वजह से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। गांगुली ने सुप्रीम कोर्ट के रुख पर भी असंतोष जताते हुए कहा है कि अदालत ने उनके मामले पर ठीक से गौर नहीं किया।
पीड़ित लॉ इंटर्न ने अपने ताजा ब्लॉग में लिखा है कि चंद लोग झूठ बोलकर उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। लड़की ने लिखा है कि वो इस मामले को सामने इसलिए लेकर आईं क्योंकि वो नहीं चाहती है कि किसी और लड़की को ऐसे उत्पीड़न का शिकार होना पड़े। उस घटना के बाद मैं अपने कॉलेज वापस आकर वहां इस मसले को कई बार उठाया लेकिन कॉलेज के पास इंटर्नशिप के दौरान यौन उत्पीड़न पर कोई पॉलिसी नहीं होने की वजह से मैं ये मामला वहां दर्ज नहीं करवा पाई। मुझे ये बताया गया कि सिर्फ पुलिस में शिकायत करना ही विकल्प है, जिसके लिए मैं तैयार नहीं थी लेकिन मैं दूसरी महिला लॉ इंटर्न को आगाह करना चाहती थी कि पद और प्रतिष्ठा के नाम पर किसी से समझौता ना करें। इसलिए मैंने ब्लॉग का सहारा लिया।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने मैं इस उम्मीद से साथ पेश हुई कि जांच से सच सबके सामने आएगा। जहां तक मेरे बयान के सार्वजनिक होने की बात है तो मैंने कमेटी के सामने अपना बयान दर्ज कराया था और सॉलीसीटर जनरल इंदिरा जयसिंह को एक हलफनामा भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही कई लोग मेरी छवि को धूमिल करने में जुट गए। उसके बाद ही मैंने इंदिरा जयसिंह को दिए बयान को सार्वजनिक करने को कहा। जो लोग भी ये कह रहे हैं कि मेरा बयान झूठा है वो सिर्फ मेरा ही नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट का भी अपमान कर रहे हैं। मैं इस मामले पर पुलिस में शिकायत कब करुंगी, ये सिर्फ मुझ पर छोड़ दिया जाना चाहिए और सही वक्त आने पर मैं इस पर फैसला करुंगी।
मैंने इस मामले में जिम्मेदारी भरा रवैया अपनाया लेकिन चंद लोग जिम्मेदारी और जांच से बचने के लिए मामले पर राजनीति करके अफवाह फैला रहे हैं। पीड़ित लड़की का कहना है कि जस्टिस गांगुली झूठ बोल रहे हैं जबकि गांगुली की दलील है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
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