बिहार : टेंट में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 1 दिसंबर 2013

बिहार : टेंट में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र

  • अब सवाल उठता है कि अगर बच्चों को सहायिका पढ़ा रही हैं। तो बच्चों को खाना पका कर कौन खिलाएंगा? 

life in tent in bihar
दानापुर। सूबे के अधिकांश जगहों में संचालित आंगनबाड़ी की स्थिति छुपी नहीं है। वहां पर पता चलता है।  न आंगन है और न ही बाड़ी है। फिर भी मजे से आंगनबाड़ी केन्द्र चल रहा है। उसी तरह बालवाड़ी केन्द्र की स्थिति भी है। फिलवक्त दानापुर प्रखंड परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र को अलग से देखा जा सकता है। यहां पर पुरानी पानापुर ग्राम पंचायत के महादलित चमार जाति के लोग गंगा नदी के कटाव के बाद पनाह लिये हैं। खुद आशियाना की तलाश में हैं, तो कैसे आंगनबाड़ी केन्द्र को आशियाना उपलब्ध करा सके। अभी टेंट में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है।

समेकित बाल विकास सेवा परियोजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किया जाता है। कायदे से यह केन्द्र पुरानी पानापुर ग्राम पंचायत के महादलित चमार जाति के चमरटोली में रहना चाहिए था। गंगा नदी के उफान के कारण 9 बीघा में पसरे 162 घर 27 जुलाई,2013 को गंगा मइया के गर्भ में समा गया। इसके बाद से प्रखंड परिसर में संचालित है। केन्द्र की सेविका उर्मिला देवी और सहायिका मिन्ती देवी हैं। यहां पर कुछ बच्चों को सहायिका मिन्ती देवी पढ़ा रही हैं। सेविका उर्मिला देवी को नहीं देखा गया। अब सवाल उठता है कि अगर बच्चों को सहायिका पढ़ा रही हैं। तो बच्चों को खाना पका कर कौन खिलाएंगा? 


आलोक कुमार
बिहार   

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