अदभुत है प्रो दास की प्रदर्शनी... - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 8 दिसंबर 2013

अदभुत है प्रो दास की प्रदर्शनी...

  • - 25 वर्षों से सूबे के विभिन्न स्थलों पर प्रदर्शनी लगा कर आकर्षक का केंद्र बिंदु रहे प्रो दास अब तक 30 हजार से अधिक कतरनों का विशाल संग्रह कर चुके हैं

bihar map
पग पग पोखर माछ मखान, सरस मधुर मुस्की मुख पान, विद्या वैभव शांति प्रतीक सरस क्षेत्र मिथिलांचल थीक...‘मैथिली आ मिथिलाक कला संस्कृति’ को अपने जीवन में अंगीकार कर चुके प्रो प्रभु नारायण लाल दास, अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, केबी झा महाविद्यालय कटिहार का कहना है कि मिथिला क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है बस जरूरत है हमें अपने सभ्यता और संस्कृति को सहेज कर रखने की ताकि यहां भी अपसंस्कृति सेंधमारी न कर जाये. उन्होंने पग पग पोखर माछ मखान...वाली संस्कृति को अलौकिक बताया और अपनी प्रदर्शनी में मैथिली और मिथिला को विशेष तवज्जो भी देते हैं. गत दिनों प्रो दास ‘मैथिली आ मिथिलाक कला संस्कृति’ प्रदर्शनी के सिलसिले में मधेपुरा आये हुए थे और अपनी प्रदर्शनी के बूते जिले में खूब वाहवाही भी बटोरी. विशेष बातचीत के क्रम में उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अखबार के कतरन को जमा करना उनका शौक और जुनून है.  कहते हैं कि प्रदर्शनी में प्रदर्शित समाचार अवसर के अनुकूल होते हैं और प्रदर्शनी का उद्देश्य एक ही समय और स्थान पर दर्शकों को उस एक विषय से संबंधित समाचारों की ज्ञानवर्द्धक, मनोरंजक और रोमांचक विशाल झांकी दिखा कर उनके ज्ञान को परिपुष्ट करना और उनकी योग्यता वृद्धि से राष्टकृीय उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना है. पिछले 25 वर्षों से सूबे के विभिन्न स्थलों पर प्रदर्शनी लगा कर आकर्षक का केंद्र बिंदु रहे प्रो दास अब तक 30 हजार से अधिक कतरनों का विशाल संग्रह कर चुके हैं. 

कोसी व सीमांचल से रहा खास लगाव:
कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल के चप्पे चप्पे के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक, वैज्ञानिक, पर्यावरण, सामाजिक क्षेत्र आदि के सकारात्मक जो प्रदर्श्य समाचार हैं वे प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये जाते हैं. साथ ही आस्था केंद्र, विकलांग पुरूष-स्त्री के रचनात्मक कार्य, स्वतंत्रता सेनानी, महापुरूष, श्रमदान से विकास, कोसी प्रलय आदि के समाचारों का अद्भुत संग्रह प्रो दास की प्रदर्शनी में देखने को मिलता है. प्रदर्शनी में किसी एक विषय पर विविध समाचारों का संकलन प्रदर्शित होता है अतरू यह एक ही स्थल पर छात्रों और शिक्षकों, रिसर्च स्कॉलर तथा अन्य ज्ञान पिपासुओं के लिए विशेष आकर्षक और उपयोगी हो जाती है. 

अपने आप में अद्भुत है यह प्रदर्शनी:
आमतौर पर वस्त्र, हस्तकला, चित्रकला, कृषि, व्यापार उद्योग व्यवसाय से संबंधित, सिक्के, डाक टिकट आदि की प्रदर्शनी लगायी जाती है लेकिन समाचार पत्रों से एक ही विषय पर कतरनों की विशाल प्रदर्शनी शायद पहले किसी ने नहीं सजायी. प्रो दास कहते हैं कि वे अपनी इस प्रदर्शनी को आगामी दिनों वृहद रूप देंगे और निकट भविष्य में एक-पांच किलोमीटर लंबी प्रदर्शनी लगाने का लक्ष्य है. 

कहां कहां लगायी गयी है प्रदर्शनी:
प्रो दास की कतरनों की प्रदर्शनी मनिहारी में संस्कृत उच्च विद्यालय में संस्कृत दिवस पर ‘संस्कृत और भारतीय संस्कृति’ विषय पर, 22 मार्च को बिहार दिवस के मौके पर केबी झा कॉलेज में ‘बिहार गौरव’ विषय पर, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अधिवेशन के अवसर पर 29-30 जुलाई 13 को केबी झा कॉलेज में ‘समाचार पत्रों में कोसी-पूर्णिया प्रमंडलों की झांकी’ विषय पर प्रदर्शनी लगायी गयी. 




कुमार गौरव,
मधेपुरा.

कोई टिप्पणी नहीं: