ऑपरेशन होने के बाद किसी मरीज को ‘रिकवर’ के लिए रखा जा सकता है। जो नहीं हो पा रहा है। इसके अभाव में नवजात शिशुओं की अकाल मौत भी हो जाती है। यह जननी सुरक्षा योजना के महत्वपूर्ण कार्यों में एक है। जो बाल मृत्युदर में बढ़ोतरी नहीं होने में सहायक है। अगर जिला प्रशासन के द्वारा एनबीएसयू को स्टार्ट नहीं नहीं की जाती है तो उसे लोकसभा के आम चुनाव के समय में उठाया जाएगा और आने वाले उम्मीदवारों को स्टार्ट करने का भरोसा मिलने पर ही वोट डाला जाएगा।
आपको सुखदेव प्रसाद रेफरल अस्पताल, मखदुमपुर, जिला जहानाबाद ले चल रहे हैं। उग्रवाद क्षेत्र जहानाबाद जिलके मखदुमपुर प्रखंड में न जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 24 फरवरी, 2009 को राजधानी में बैठकर नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई (न्यूबोर्न स्टेबिलाइजेसन यूनिट), एनबीएसयू का उद्घाटन कर दिये। जो 4 साल 10 माह और 4 दिन के बाद चालू नहीं किया जा सका है। इसके निर्माण में 47 लाख रूपए बहा दिये गये हैं। अब आप समझ सकते है कि बिहार में सुशासन है कि कुशासन है?
एनबीएसयू को ताले में बंद कर दिया गया है। बाहर से पर्दा लगा दिया गया है ताकि असलियत बाहर नहीं आ सके। पर्दा उठाते ही स्वास्थ्य विभाग हमाम में नंगा हो जाता है। एक नवजात षिषु स्थिरीकरण इकाई में संसाधन की जरूरत पड़ती है। उसे इकाई में संसाधन उपलब्ध कराया दिया गया है। वातानुकूलित सिस्टम उपलब्ध है। वेंटिलेटर,सेन्टलली सेक्शन मशीन,सेन्टलली ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दी गयी है। बस केवल न्यूरोलॉजिस्ट और कॉर्डियोलॉजिस्ट चिकित्सक को बहाल नहीं किया जा सक रहा है। इसके कारण मोर की पैर की तरह इकाई लग रहा है।
डीएफआईडी पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा जहानाबाद जिले में भूमि अधिकार और स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य किया जाता है। जहानाबाद जिले के जिला समन्वयक नागेन्द्र कुमार कहते हैं कि रोगी कल्याण समिति के एक सदस्य के द्वारा एनबीएसयू निर्माण किया गया है। अब माननीय सदस्य के द्वारा किसी तरह का दबाव जहानाबाद जिले के असैनिक षल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के ऊपर दबाव नहीं डाला जा रहा है ताकि जनहित में एनबीएसयू को चालू किया जा सके। श्री कुमार ने कहा कि किसी तरह के ऑपरेशन होने के बाद किसी मरीज को ‘रिकवर’ के लिए रखा जा सकता है। जो नहीं हो पा रहा है। इसके अभाव में नवजात शिशुओं की अकाल मौत भी हो जाती है। यह जननी सुरक्षा योजना के महत्वपूर्ण कार्यों में एक है। जो बाल मृत्युदर में बढ़ोतरी नहीं होने में सहायक है। अगर जिला प्रषासन के द्वारा एनबीएसयू को स्टार्ट नहीं नहीं की जाती है तो उसे लोकसभा के आम चुनाव के समय में उठाया जाएगा और आने वाले उम्मीदवारों को स्टार्ट करने का भरोसा मिलने पर ही वोट डाला जाएगा।
आलोक कुमार
बिहार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें