बिहार के छपरा जिले में निर्मल गंगा जन अभियान की शुरुआत उल्लासपूर्वक डोरीगंज के बंगाली बाबा घाट से प्रारम्भ हुई। पावन गंगा तट पर सैकड़ों पीतवस्त्रधारी परिजनों की उपस्थित में रविवार को अभियान प्रारम्भ हुआ। घाट पर नाविक व मछली पकड़ने वाले भी गंगा स्वच्छता अभियान में शामिल हुए। पावन गंगा के इतिहास में प्रथम बार गायत्री परिवार द्वारा किए जा रहे इस कार्यक्रम के प्रति तीव्र उत्साह देखने को मिला। अंचल प्रभारी गणेश चौरसिया का सहयोग सराहनीय रहा। उनके निवास से गंगा तट तक तीन दिनों तक गंगा घाट की स्वच्छता व आरती में पंक्तिबद्ध होकर सैकड़ों पीतवस्त्रधारी शामिल हुए। गंगा घाट पर करोड़ों का बालू का व्यापार होता है।
नाविकों को बताया गया कि गंगा की पवितत्रता व प्रवाह से ही आपका व्यवसाय चल रहा है। नाविकों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की। गंगा की महिमा पर प्रथम दिन की कथा में गंगा तट वासियों ने गंगा की महिमा सुनकर आस्था प्रकट की। गंगा की महिमा व महान गंगा की जानकारी पहली बार लोगों को हुई। गांव के दुर्गा मन्दिर पर कथा सम्पन्न हुई। 400 से अधिक लोगों की उपस्थिति रही।
गंगा की व्यथा व भविष्य में गंगा के रौद्र रूप की आशंका सुनकर शानदार गंगा सेवा मंडल बनाने का संकल्प उभरा। शान्तिकुंज प्रतिनिधि महेन्द्र सिंह ने कहा कि गंगा अपने को स्वच्छ व पवित्र करने में स्वयं सक्षम है। गत 16 जून को गंगा ने इसका प्रमाण दे दिया है। गंगा 500 किलोमीटर पर अपना रौद्र रूप दिखाकर अपने को पवित्र कर लेगी और तट वासियों को तबाह कर सकती है। गंगा ऐसा न करें इसलिए हम समय पर जाग जाएं।
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