सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को यहां कहा कि जरूरत पड़े तो सरकार हंगामे के बीच भी लोकपाल विधेयक पारित कर दे। अन्ना ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर लोकपाल विधेयक पारित करने के लिए सत्र को भी बढ़ाया जाए। अन्ना ने कहा, "मैं कहूंगा कि यदि कुछ पार्टियां बाधा डालती हैं तो हंगामे के बीच ही विधेयक पारित कर दें.. तमाम विधेयक हंगामे में पारित हुए हैं।" उन्होंने कहा, "और यदि जरूरत पड़े तो सरकार सत्र बढ़ा सकती है।"
अरविंद केजरीवाल की उस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, जिसमें उन्होंने कहा है कि अन्ना को शायद विधेयक के प्रावधानों की जानकारी नहीं दी गई है, अन्ना ने कहा, "मैंने विधेयक पढ़ा है, हो सकता है वे विधेयक न पढ़े हों।" लोकपाल विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और उसके बाद राज्यसभा की एक प्रवर समिति ने उसमें काफी संशोधन किए हैं और उसके बाद उसे शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया गया।
राज्यसभा में विधेयक पारित हो जाने के बाद इसे मंजूरी के लिए वापस लोकसभा भेजा जाएगा। सरकार ने कहा है कि वह विधेयक को इसी सत्र में पारित करने के लिए वचनबद्ध है। संसद सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।
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