कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी सांसदों से कहा कि हाल के विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में हुई हार को लेकर दुखी होने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव की तैयारी में जुट जाना चाहिए। यहां संसद भवन में पार्टी सांसदों की एक बैठक में गांधी ने कहा, "चुनावी नतीजे निराशाजनक हैं, लेकिन हमें अपना धीरज नहीं खोना चाहिए। हमारे सामने मई 2014 में होने वाली एक और लड़ाई खड़ी है, जिसके लिए हमें खुद को निश्चित रूप से तैयार रखना होगा।" उन्होंने कहा, "अगले कुछ महीनों तक हमें अपना कामकाज पूरा करना है।"
नवंबर-दिसंबर में हुए चुनावों में दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। गांधी ने कहा, "हम लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं। हम हार के कारणों की पड़ताल कर रहे हैं।" उन्होंने उल्लेख किया कि कांग्रेस "मतदाताओं को अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को समझा नहीं सकी" और "जनभावनाओं को समझने में विफल रही।"
कांग्रेस के लिए संतोषप्रद केवल मिजोरम का चुनाव परिणाम रहा, जहां वह फिर से सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हुई। गांधी ने उल्लेख किया, "दिल्ली और राजस्थान में चौतरफा विकास के बावजूद कांग्रेस पराजित हुई।" उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अच्छे चुनाव प्रचार के बावजूद हम सरकार को बदलने में कामयाब नहीं हो पाए। छत्तीसगढ़ में एकजुटता का अभाव पार्टी को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि राजस्थान और दिल्ली में प्रचार में अनुशासनहीनता ले डूबी।
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