दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को युनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) के संयुक्त संपादक नीरज वाजपेयी को एक सहयोगी के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी करने के मामले में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने वाजपेयी को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और उतनी ही राशि की अमानत पर जमानत मंजूर की।
पिछले सप्ताह निचली अदालत ने इस मामले के आरोपी वाजपेयी, यूएनआई के एक अन्य पत्रकार और एक लेखापाल की जमानत नामंजूर करते हुए जेल भेज दिया था। अदालत ने उनके खिलाफ लगे आरोप को 'गंभीर' मानते हुए जमानत नहीं दी थी।
वाजपेयी, यूनीवार्ता के उप ब्यूरो प्रमुख अशोक उपाध्याय और लेखापाल एम. एल. जोशी को एक दलित कर्मचारी वीरेंद्र वर्मा के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी करने का आरोपी बनाया गया है।
पुलिस ने नवंबर महीने में आरोप पत्र पेश कर कहा था कि आरोपियों ने वर्मा के खिलाफ मार्च में जातिवादी और अपमानजनक टिप्पणी की। आरोपियों ने शिकायत को झूठा और मनगढं़त बताया है।
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