हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह नये विवाद में फंसते नजर आ रहे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 23 दिसंबर 2013

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह नये विवाद में फंसते नजर आ रहे

virbhadra singh
धर्मशाला,23  दिसंबर ।  हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह नये विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। मामला कोई ओर नहीं बल्कि उनकी ईमानदारी पर सवाल उठ रहे हैं।  दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे अरुण धूमल ने सीएम वीरभद्र सिंह व सांसद प्रतिभा सिंह से इस्तीफे की मांग की है। धर्मशाला में  पत्रकारों से बातचीत में अरूण धूमल ने वीरभद्र सिंह व प्रतिभा सिंह पर चुनावी हलफनामे में संपत्ति व देनदारियों का गलत ब्यौरा देने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने वकामुल्ला चंद्रशेखर की पहचान को सार्वजनिक करने की मांग की है। अरुण धूमल ने कहा कि  वकामुल्ला की पुत्री तारीनी के नाम से एक इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में वीरभद्र सिंह के परिवार के ही सदस्य शेयर होल्डर हैं। अरुण धूमल ने जुटाए गए दस्तावेजों की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि तारीनी इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में वकामुल्ला चंद्रशेखर की बेटी के शेयर की अपेक्षा वीरभद्र परिवार के सदस्यों के शेयर अधिक हैं। इस कंपनी में  तारीनी के नाम से एक लाख 54 हजार छह सौ शेयर हैं, जबकि वीरभद्र सिंह की बेटी अपराजिता कुमारी के नाम से तीन लाख 40 हजार औसतन दोगुने शेयर हैं। 

विक्रमादित्य के नाम से तीन लाख व सांसद प्रतिभा के नाम से तीन लाख 40 हजार के शेयर हैं।अरुण धूमल बोले कौन है वाकामुल्ला  बकौल उनके चंद्रशेखर, या वाकामुल्ला केवल मुखौटा ही है। अरुण धूमल ने वाकामुल्ला चंद्रशेखर की पहचान का खुलासा करते हुए बताया कि 14 मार्च 1967 को जन्मे वाकामुल्ला चंद्रशेखर वल्द अनजानेयूलु व उनकी पत्नी अन्नी नायडू व बेटी वी तारिणी नायडू हैं। जिन्होंने वीरभद्र सिंह को 3.50 करोड़, प्रतिभा सिंह को 2.10 करोड़, विक्रमादित्य सिंह को 3.90 करोड़ रुपए दिए थे। मैंने यह मामला 10 अक्टूबर को शिमला में भी उठाया था, लेकिन वीरभद्र सिंह ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। वह कहते हैं कि लोकतंत्र में हर किसी को पूछने का हक है। मुझ पर, अनुराग ठाकुर और एचपीसीए से जुड़े किसी भी व्यक्ति पर विजिलेंस मामला बनाने में तो तत्परता दिखा रही है, लेकिन वाकामुल्ला मामले में आज दिन तक न तो कोई जांच की गई और न ही जनता के समक्ष तथ्य उजागर किए गए। मुझ पर और अनुराग ठाकुर पर 420 और 120 के मामले दर्ज किए गए। नियमानुसार 90 दिनों के भीतर न्यायालय में चालान पेश करना होता है, लेकिन हम पर बनाए मामलों की जांच कहां तक पहुंची, चालान कब पेश होगा, इसकी कोई जानकारी नहीं। वर्ष 2003 से 2007 तक आपके पूर्व कार्यकाल में जिस विद्युत प्रोजेक्ट को मंत्रिमंडल ने चर्चा के बाद 3 बार लौटा दिया हो, लेकिन उसके बावजूद उसी कंपनी को यह प्रोजेक्ट क्यों आवंटित किया गया। क्या यह सच नहीं है कि वाकामुल्ला चंद्रशेखर द्वारा दी गई धनराशि जो कि आपने चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में दर्शायी है, उससे अधिक नहीं बनती। एक रुपया वेतन लेने वाले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बताएं कि उनकी आमदन के स्त्रोत क्या हैं।वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह ने पिछले चुनावों में चुनाव आयोग में दायर शपथ पत्र में जानकारियों क्यों छिपाई, इसके पीछे क्या राज है। आयकर रिटर्न पर पूछने पर वीरभद्र सिंह कहते हैं कि मैं कौन होता हूं, आयकर रिटर्न के बारे में जानने वाला। अब दिल्ली उच्चतम न्यायालय में किसी ने इस संबंध में पीआईएल की है, जिस पर न्यायालय ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।



(विजयेन्दर शर्मा) 

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