त्रिपुरा सरकार ने राज्य में 17 वर्षो में पहली बार प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला किया है। एक मंत्री ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि बिना पात्रता परीक्षा (टीईटी) के ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (आरटीई) अधिनियम 2009 के मुताबिक, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में टीईटी आवश्यक है। त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री तपन चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा, "मुख्यमंत्री माणिक सरकार की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में कनिष्ठ एवं वरिष्ठ बुनियादी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए 4,606 शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला लिया गया है।"
स्कूल शिक्षकों की भर्ती में आरटीई के उल्लंघन का परिणाम के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी प्रशासनिक एवं वैधानिक पहलुओं का अध्ययन करने के बाद फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा सरकार ने जब 5000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी और 2002 में आवेदन मंगाए थे तब टीईटी का आयोजन की शर्त निर्धारित नहीं थी। इस वर्ष के शुरू में त्रिपुरा की मांग पर मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने शिक्षकों की भर्ती में एक बार टीईटी से छूट दी है।
मंत्री ने कहा, "एचआरडी मंत्रालय ने 5000 अंतरस्नातक शिक्षकों की भर्ती में योग्यता में कोई छूट नहीं दी है। मंत्रालय ने हालांकि राज्य सरकार को इन 5000 शिक्षकों की भर्ती के दो वर्ष के भीतर टीईटी आयोजित करने के लिए कहा है।"
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