सूचना और प्रसारण मंत्री तथा कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जिम्मेदारी से भागने का आरोप लगाते हुये कहा है कि उन्हें जनता को बताना चाहिये कि उनका भारत के गणराज्य होने पर विश्वास है या नहीं।
तिवारी ने आज संवाददाताओं से बातचीत में केजरीवाल पर संवैधानिक अराजकता फैलाने का आरोप लगाते हुये कहा कि दिल्ली की जनता ने उन्हें सरकार चलाने का मौका दिया है, लेकिन वह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की पार्टी ने जनता से वादे बडे बडे कर लिये, लेकिन जब उन्हें लगा कि वादे पूरे नहीं हो पायेंगे तो वह जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस जनता ने उन्हें सिर माथे बिठाया है, वही उन्हें मजा चखाने से नहीं चूकेगी।
कांग्रेस नेता ने गणतंत्र दिवस पर प्रश्न उठाने के लिये केजरीवाल पर तीखा हमला करता हुये कहा कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिये कि उनका भारत के गणराज्य होने तथा भारत की परिकल्पना में विश्वास है या नहीं। तिवारी ने कहा कि 26 जनवरी को हमारा संविधान लागू हुआ था, जिसे बाबासाहेब अंबेडकर ने लिखा और सैकडो स्वतंत्रता सेनानियों से अपने खून से सींचा। उसी संविधान की शपथ लेकर केजरीवाल और उनके साथी मंत्री बने हैं।
दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार को सौंपने की मांग के संबंध में तिवारी ने कहा कि केजरीवाल तथा उनके सहयोगियों को संविधान पढना चाहिये, जिसके अनुच्छेद 239 में साफ लिखा है कि दिल्ली की कानून व्यवस्था और पुलिस केंद्र सरकार के तहत होगी। यह याद दिलाये जाने पर कांग्रेस के समर्थन से ही केजरीवाल कीसरकार बनी है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने समर्थन इसलिये दिया कि हम दिल्ली के लोगों पर दोबारा चुनाव थोपना नहीं चाहते थे। केजरीवाल के अपने को अराजक बताने के बारे में उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है। जनता नेताओं और दलों का मूल्यांकन इस आधार पर करती है कि उन्होंने कितने वादे पूरे किये न कि किसने कितने धरना प्रदर्शन किये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें