भारत में अब 'जैन' समुदाय के लोग भी अल्पसंख्यक होंगे. लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा दे दिया है. यानी अब जैन भी अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ ले सकेंगे. जैन समुदाय के लोगों ने केंद्र सरकार के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि यह उनकी धार्मिक पहचान, संस्कृति और धरोहर को संरक्षित करने में मदद करेगा. यह फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार को लिया गया. माना जा रहा है 50 लाख की संख्या में जैन वोटर आगामी चुनावों में छोटा लेकिन अहम रोल निभा सकते हैं.
अहिंसा विश्व भारती आचार्य के लोकेश मुनि ने कहा कि जैनों ने समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. यह फैसला उन्हें विभिन्न समाज कल्याण गतिविधियों के लिए और भी प्रेरित करेगा. केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य और जैन समुदाय के नेताओं ने ऑल इंडिया कांग्रेस कोर कमेटी मुख्यालय के बाहर जश्न मनाया. गौरतलब है कि फैसले से एक दिन पहले ही समुदाय का प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिला था. राहुल ने भी जैन समुदाय को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने का समर्थन किया और रविवार को इस संबंध में प्रधानमंत्री से बात की थी.
इससे पहले जैनों को सिर्फ 14 राज्यों में अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त था और वे राष्ट्रीय स्तर पर इसकी मांग कर रहे थे.
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