बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन से मंगलवार को कहा कि राज्य के कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी बैंकों द्वारा वृहद पैमाने पर प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। रघुराम राजन ने मुख्यमंत्री आवास, 1 अणे मार्ग आकर नीतीश कुमार से मुलाकात की और उनके साथ बैठक कर राज्य में बैंकों से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने बिहार में बैंकों के साख जमा अनुपात पर चिंता जताते हुए इसमें सुधार लाए जाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कारगर पहल करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोग अपनी बचत की अधिकांश राशि बैंकों में जमा करते हैं, जिस कारण यहां के बैंकों की जमा राशि में वृद्धि हुई है लेकिन यह आनुपातिक ढंग से बैंकों द्वारा ऋण का वितरण राज्य में नहीं किया गया है। नीतीश ने राज्य के कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी बैंकों द्वारा वृहद पैमाने पर प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने औद्योगिक नीति में, उद्योगों को 35 प्रतिशत तक सहायता दिए जाने का प्रावधान रखा है।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा ऊर्जा प्रक्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए संसाधन उपलब्ध कराए जाने के विषय में भी उन्हें जानकारी दी। बिहार में सुधारात्मक परिवर्तन की सफलता को देखकर रघुराम राजन ने भी माना कि ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत बड़े निवेश की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने बालिका साइकिल योजना की सफलता की कहानी भी गवर्नर को बताई। राजन ने इस कहानी में दिलचस्पी दिखाई और कहा कि बिहार में हुए सकारात्मक परिवर्तन और विकास के पीछे मुख्यमंत्री की सोच और परिकल्पना है।
इस बैठक में शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार की भविष्य के लिए विभिन्न योजनाओं पर भी विचार किया गया तथा राज्य में व्यावसायिक एवं तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थानों के खोले जाने पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने राजन से वित्तीय समावेशन, ब्रिक एवं मोलर बैंक ब्रांच राज्य में खोलने तथा शिक्षा ऋण के प्रवाह को बढ़ाए जाने पर विशेष ध्यान दिए जाने का अनुरोध किया।
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