सामाजिक रोगों का इलाज ’सत्सभा’ के माध्यम से किया जा रहा है।- वैज्ञानिक राजीव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 22 जनवरी 2014

सामाजिक रोगों का इलाज ’सत्सभा’ के माध्यम से किया जा रहा है।- वैज्ञानिक राजीव

जहानाबाद। 21 जनवरी 2014।देशप्रेम अभियान के हमसफरों द्वारा ‘सत्सभा‘ मंगलवार को यहां के स्थानीय गांधी मैदान में आयोजित की गई। इसमें जहानाबाद लोकसभा के विभिन्न गांवों से काफी संख्या में लोग शामिल हुए। सभी ने वैज्ञानिक कुमार राजीव की योजना भारत में सहयोग प्रणाली विकसित करने, सबको समान शिक्षा, चिकित्सा, यातायात और सरकारी आवास उपलब्ध करने की परिकल्पना के समर्थन में जोरदार आवाज उठाई।् सभा में यहां के कई युवकों ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली को बहिष्कार कर आजीवन देशसेवा  करने का संकल्प लिया।
 
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सभा में पहुंचे लोगों ने ‘देशप्रेम‘ दर्शन को आत्मसात् कर जागृत-केंद्रित- आंनदित हुये। लोगों ने इसके व्यापक प्रसार का संकल्प लिया। वैज्ञानिक कुमार राजीव ने राजनीति को लोकनीति में बदलने के लिए गांव-गांव में ‘सत्सभा‘ करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मौजुदा भारत में शारिरिक और मानसिक रोगों का इलाज डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है परंतु सामाजिक रोगों का इलाज ’सत्सभा’ के माध्यम से किया जा रहा है। आज भारत के लोग स्कूल की वर्तमान शिक्षा से सिर्फ सेल्समैन, नौकर और दलाल बनकर जीवन ढो रहे हैं। इस प्रणाली से किसी में कोई खुशी नहीं है। ऐसा जीवन लोगों को बीमार कर रहा है। वर्तमान शिक्षा के सिलेबस में परिवर्तन के लिए देशप्रेम अभियान के तहत तैयार किए गए विषयों देशप्रेम, वैज्ञिानिक दृष्टिकोण, नैतिकता, वनस्पति-जीव-प्रेम, करसेवा, उपकरण ज्ञान, भाषाज्ञान और सर्वधर्म को लागू करना चाहिए। इन विषयों की पढ़ाई से हम बेहतर जीवन जी सकते हैं। पंचायत से संसद तक अच्छे मतदाता और लीडर भी तैयार होंगे।
‘सत्सभा‘ की रूपरेखा- ‘देशप्रेम‘ दर्शन को आत्मसात् कर स्वयं को परिष्कृत कर ज्ञार्नाजन किया, निडर होकर दिल की बात कही, अपने जीवन के यथार्थ और व्यावहारिक अनुभव सुनाए, अपने जीवन के अनसुलझे प्रश्न, जिज्ञासा, समस्या का निराकरण जाने, अपने जीवन को सुंदर बनाने के यथार्थ और व्यावहारिक प्रस्ताव दिए और सहयोग प्राप्त किए। सांस्कृतिक प्रस्तुति से वहां मंत्रमुग्ध हुए। ‘सत्सभा‘ घर-घर में सुबह 7 बजे से 8 बजे और शाम में 4 बजे से 7 बजे हर परिवार को करने की जरूरत है। इससे घर में खुशहाली और परिजनों में घट रहा आपसी संवाद फिर से शुरू हो जाएगा। कुछ लोगों ने खैनी-बीड़ी-सिगरेट- गुटका फेका उन्हें पौधा देकर पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में वक्ताओं (सभा के संयोजक - रंजीत, शैलेन्द्र, धर्मेन्द्र, राजीव रंजन, अभियान के प्रशिक्षु लोककर्त्ता सोनु, प्रेम, मनोज, धन्नजय, नवल, हमसफर- संजय सरफरोश, संजीव, राम एवं अमरेश आदि)ने देशप्रेम अभियान की सराहना करते हुए कहा कि अभियान पूरे देश में चलाने की जरूरत है। अभियान के विचारों को सभी अपने जीवन में उतारें। लोगों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस पूरे मॉडल को अपनाएं और गांव-गांव में ‘सत्सभा‘ का आयोजन हो।

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