सचिव की गुंड़ागर्दी ,जिला पंचायत सीईओ के नाम पर मांगता है हर काम के दाम
छतरपुर। जनपद पंचायत छतरपुर की ग्राम पंचायत पठापुर पंचायत में पदस्थ सचिव मनोज कुमार राजपूत की खुलेआम गुड़ांगदीज़् चरम पर चल रही है। और ग्रामीणों के आवास स्वीकृत, गरीबी रेखा के राशन काडज़्, कपिल धारा कुओं के काम जब किये जाते है जब सचिव द्वारा 10 हजार रूपए कुओं में कमीशन मांगा जाता कि यह पैसा मेरे को नही जिला पंचायत सीईओ का कमीशन देना पड़ता है तब यह स्वीकृति कुओं की मिलती है। ग्रामीणों ने अपने नाम न बताने की सतज़् पर बताया कि हमारी पंचायत के सरपंच कृष्ण कुमार दुबे तो कभी हम लोगों पैसे नही मांगते चाहे वह आवास स्वीकृति, गरीबी राशन काडज़्, कपिल धारा कुआ का हो पर सरपंच द्वारा कभी पैसा नही मांगा जाता है लेकिन सचिव मनोज कुमार राजपूत हम लोगों से किसी भी काम के दाम लगने के लिये कहता है और काम तभी स्वीकृत होगा जब आप मेरा नही मेरे जिला पंचायत सीईओ का
कमीशन मेरे पास जमा कर दोगों तभी आप लोगों के काम स्वीकृत किये जायेगे। अगर आप का काम सरपंच फिरी में करता है तो आप सरपंच से करवा लो मै करने वाला नही हूॅ और ज्यादा आप लोग करोगे तो आपलोगों को किसी के काम नही किये जायेगे क्योंकि सीईओ का खुला कहना है कि मुझे काम के बदले दाम चाहिये नही तो काम नही। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सरपंच के द्वारा जिला कैटर की कायज़्वाही की मांग की थी जिला पंचायत सीईओ से लेकिन इसका कुछ भी नही हुआ है। और सरपंच का कहना है कि सचिव मनोज कुमार राजपूत मेरे बात नहीं मानता है और किसी भी काम के दाम लगने के लिये जब यह ग्रामीणों से कहता है तो मैं इसका विरोध करता हूूॅ तो यह मेरे को भी धमकाता है तो मैं कुछ भी करने से डरता हॅॅू कि चार वषज़् तो निकल गये अब शेष बची एक वषज़् भी निकल जाये और ऐसे सचिव से अच्छा मैं सरपंच ही न रहूॅ। अब देखना रोचक होगा कि छतरपुर जिले में पहली बार ऐसे जिला पंचायत सीईओ साफ और स्वच्छ छबि वाले सत्येन्द्र सिंह जो कि पैसा तो दूर की बात लेनदेन के बारे में किसी से बात भी नही करते है। और काम के प्रति बड़ी पैनी नजर खरते है और जिला पंचायत के अधिकारी और कमज़्चारी कमीशन लेने के लिये तरश रहे है। और ईश्वर से प्राथज़्ना करते है कि कब सीईओ का तबादला होगा। और हमारी किश्मतें पहले जैसी कब चमकेगी। और अब देखते है कि इस पठापुर सचिव मनोज कुमार राजपूत के खिलाफ जिला पंचायत सीईओ क्या कायज़्वाही करते है।
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