मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को उसी के खेल में मात देने के लिए कांग्रेस अब दिल्ली की जनता से पूछेगी कि केजरीवाल को सरकार चलाने के लिए समर्थन जारी रखना चाहिए या नहीं। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए पार्टी नेतृत्व पर जबरदस्त दबाव है। पिछले सप्ताह एआईसीसी बैठक के बाद कांग्रेस मुख्यालय में दिल्ली के प्रतिनिधियों की मुलाकात पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से हुई थी।
उस बैठक में यह सुझाव रखा गया कि कांग्रेस जब भी दिल्ली में समर्थन वापसी का फैसला करे पहले जनता से राय ले। उसी तरह जैसे सरकार बनाने से पहले केजरीवाल ने जनमत कराया था। कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने साफ कहा है कि समर्थन वापस लेने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई जानी चाहिए। दिल्ली प्रदेश प्रतिनिधियों से उनका कहना था कि केजरीवाल और उनके साथियों को खुद ही लग रहा है कि वह कहां फंस गए।
राहुल गांधी की टिप्पणी थी, ‘ये लोग पता नहीं क्या करते थे, अचानक राजनीति में आ गए और अब इन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा। अब ये फंसे हुए हैं और कांग्रेस ऐसा कुछ न करे जिससे इन्हें निकल भागने का मौका मिले।’ राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि जिस दिन विधानसभा चुनावों के परिणाम आए थे, उस दिन उन्हें लगा कि कांग्रेस मुश्किल में आ गई है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में आम आदमी पार्टी के रंग ढंग देख कर लग रहा है कि चिंता की बात नहीं। ‘ये लोग अपने आप ही खत्म हो जाएंगे। जनता को भी समझ में आ रहा है कि सरकार चलाना इनके बस का नहीं।’
मोटे तौर पर पार्टी में राय यही बनी है कि अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने की गलती करने के बाद अब उन्हें बेचारा बनने का मौका नहीं देना चाहिए। एक महासचिव का मानना था कि जनता सरकार के खिलाफ टिप्पणियां करना शुरू कर दिया है और ऐसे ही चलता रहा तो लोकसभा चुनाव तक लोग खुद ही सरकार की बर्खास्तगी की मांग करने लगेंगे।
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