अब OPD इलाज भी होगा कैशलेस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 22 जनवरी 2014

अब OPD इलाज भी होगा कैशलेस

इंश्योरेंस कंपनियां उन मामलों में भी कैशलेस ट्रीटमेंट की सहूलियत देने का कदम बढ़ा रही हैं, जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती। हेल्थ इंश्योरेंस में कैशलेस आउट पेशेंट डिपार्टमेंट ( OPD) ट्रीटमेंट अगला बड़ा रिफॉर्म हो सकता है। फिलहाल ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां आउट पेशेंट हॉस्पिटलाइजेशन कॉस्ट बाद में देती हैं।

अपोलो म्यूनिख का मैक्सिमा प्लान फार्मेसी, कंसल्टेशन जैसी सर्विसेज के लिए वाउचर्स ऑफर करता है। आईसीआईसीआई लोंबार्ड कैशलेस बेसिस पर आउट पेशेंट ट्रीटमेंट को कवर करने वाला प्रॉडक्ट लॉन्च करने की योजना बना रही है।

अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ एंटनी जैकब ने कहा कि हम ओपीडी ट्रीटमेंट्स के लिए वाउचर्स ऑफर कर रहे हैं। इसमें सब-लिमिट्स हैं। उन्होंने कहा कि कुछ खास आउटलेट्स पर यह अवेलबल है। हम तभी रिइंबर्स करते हैं, जब हॉस्पिटल हमारी नेटवर्क लिस्ट में न हो। कंसल्टेशन के लिए यह बीमा कंपनी 600 रुपये का वाउचर देती है। इसमें कंसल्टेशन लेने की लिमिट भी है ताकि इसका मिसयूज न हो। 3 लाख से 5 लाख रुपये की कवरेज वाली पॉलिसी के लिए औसत प्रीमियम 13,000 से 15,000 रुपये है।

आईसीआईसीआई लोंबोर्ड में हेड (हेल्थ) संजय दत्ता ने कहा कि हम कैशलेस प्लेटफॉर्म पर ओपीडी को लाने की प्लानिंग कर रहे हैं। हम जल्द पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेंगे। इंश्योरेंस कंपनियों ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कुछ साल पहले आउट पेशेंट ट्रीटमेंट को कवर करना शुरू किया था। हालांकि इसमें मरीज को भुगतान पहले करना होता है और कंपनियां बाद में उसे रकम लौटाती हैं। इससे भी पहले मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसीज में कम से कम 24 घंटे के हॉस्पिटलाइजेशन की शर्त थी।

ऑप्टिमा इंश्योरेंस ब्रोकर के एमडी राहुल अग्रवाल ने कहा कि ओपीडी कैशलेश में सुविधा ज्यादा है। इसमें रिइंबर्समेंट के लिए कंपनी के पीछे भागना नहीं पड़ता। इकनॉमी में सुस्ती के बीच नॉन-लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों का बिजनेस प्रभावित हुआ है, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस का सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है। मेडिकल कॉस्ट में बढ़ोतरी के कारण ऐसा हो रहा है। साल 2012-13 के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट की ग्रोथ 18.66 पर्सेंट थी और यह बढ़कर 13,975 करोड़ रुपये का था। इससे एक साल पहले इसका आकार 11,777 करोड़ रुपये था। पिछले सात वर्षों में इस सेगमेंट की कंपाउंड एन्युअल ग्रोथ रेट 30 पर्सेंट रही, जबकि नॉन-लाइफ इंडस्ट्री के लिए आंकड़ा 17.5 पर्सेंट रहा। हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट में एकरूपता लाने के लिए बीमा नियामक इरडा ने साल 2013 में गाइडलाइंस जारी की थीं।

कोई टिप्पणी नहीं: