कर्मचारी पेंशन योजना का घाटा साल 2009 में बढ़कर 62,000 करोड़ रुपये हो गया। साल 2008 में यह 54,200 करोड़ रुपये था। इस स्कीम की काफी देर से आई वैल्यूएशन रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। यह स्कीम साल 1995 में प्रॉविडेंट फंड एकाउंट होल्डर्स के लिए लॉन्च की गई थी, जब मनमोन सिंह फाइनेंस मिनिस्टर थे। वैल्यूएशन रिपोर्ट पिछले साल सरकार को सौंपी गई थी, लेकिन पीएफ के ट्रस्टियों को यह पिछले हफ्ते ही मिली। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि पेंशन स्कीम का फंड 'पूरी तरह फिक्स्ड इंटरेस्ट इंस्ट्रूमेंट्स में इनवेस्ट करने' के बजाय इसका एक हिस्सा 'इक्विटीज जैसी रियल एसेट्स' में लगाया जाए।
इसमें यह सुझाव भी दिया गया है कि स्कीम के तहत रिटायरमेंट एज 58 साल से बढ़ाकर 60 साल कर दी जाए। साल 2013-14 के अंत तक पेंशन स्कीम में करीब 8 करोड़ मेंबर्स और इसमें 2 लाख 20 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। पेंशन स्कीम के तहत सभी रिटायर्ड मेंबर्स को मिनिमम 1,000 रुपये की महावार पेंशन देने का प्रस्ताव यूपीए सरकार लंबे समय से दबाए हुए है क्योंकि वित्त मंत्रालय ने इसे लागू करने पर चिंता जताई है। प्रॉविडेंट फंड के वही मेंबर इस पेंशन स्कीम का हिस्सा हो सकते हैं, जिनकी महावार वेतन 6,500 रुपये हो। इसे बढ़ाकर 15,000 करने का प्रस्ताव भी चार साल से लटका हुआ है।
इसमें डर यह है कि इसके चलते पेंशन स्कीम की देनदारी बहुत बढ़ जाएगी। साल 2001 में जब सैलरी लिमिट 5,000 से बढ़ाकर 6,500 रुपये की गई थी तो पेंशन स्कीम की देनदारी में 10,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था। 6,500 रुपये की सैलरी वाले कर्मचारी के वेतन का जितना हिस्सा पीएफ में जाता है, उसकी एक तिहाई से कुछ ज्यादा रकम पेंशन स्कीम में जाता है। सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशन स्कीम पर 1.16 पर्सेंट की सब्सिडी देती है। इस तरह इसमें कंट्रीब्यूशन बढ़कर सैलरी का 9.49 पर्सेंट हो जाता है।
इस स्कीम के तहत एक्टिव मेंबर्स और पेंशनर्स के लिहाज से कुल देनदारी 31 मार्च 2009 तक 1.71 लाख करोड़ रुपये थी। हालांकि, उस वक्त उसके पास 1.1 लाख करोड़ रुपये की ही एसेट्स थीं। वैल्यूएशन रिपोर्ट में एक्चुअरी पी ए बालासुब्रमण्यन ने कहा है कि इसके चलते 61,608 करोड़ रुपये का डेफिसिट दिख रहा है, जो एक साल पहले 54,203 करोड़ रुपये था। इस स्कीम के घाटे पर काबू पाने के लिए एक सुझाव यह दिया गया है कि भविष्य में 9 पर्सेंट एन्युअल रिटर्न हासिल करने का इंतजाम हो और मेंबर्स के लिए कंट्रीब्यूशन रेट बढ़ाकर सैलरी का कम से कम 12.49 पर्सेंट कर दिया जाएगा। 2009-10 से 2011-12 तक के तीन वर्षों की वैल्यूएशन रिपोर्ट्स अभी पेंडिंग हैं।
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