उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री मो. आजम खां ने मंगलवार को स्वदेश लौटने के बाद सफाई दी कि सूबे के मंत्रियों व विधायकों का दल विदेशी दौरे पर अय्यासी करने नहीं, बल्कि अध्ययन करने गया था। उन्होंने कहा कि विदेश गए प्रतिनिधिमंडल को यूएनओ और कॉमनवेल्थ एसोसिएशन की तरफ से आमंत्रण था। साथ ही राज्य और केंद्र सरकार की अनुमति मिली हुई थी। राजधानी स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में आजम ने कहा कि अध्ययन व प्रशिक्षण के उद्देश्य से विधायकों और मंत्रियों का विदेश के दौरे पर जाने का यह कोई पहला अवसर नहीं है। इससे पहले वर्ष 1998 से 2003 तक तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केशरीनाथ त्रिपाठी और 2004 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में विधायकों और मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल हर साल अध्ययन व प्रशिक्षण के लिए विदेश के दौरे पर जाते रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि इस बार का प्रतिनिधिमंडल एक मुस्लिम मंत्री (आजम खां) के नेतृत्व में गया था। इसलिए कुछ राजनीतिक दल और मीडिया ने उसे अनायास तूल दिया। मीडिया पर निशाना साधते हुए आजम ने कहा कि जिस तरह हिंदुस्तानी मीडिया के लोगों ने विदेश दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल का सभी देशों में पीछा किया, उससे यही साबित होता है कि मीडिया नेताओं और राजनीतिक व्यवस्था के प्रति आम जनता में नफरत पैदा कर देश में राजनीतिक अराजकता का माहौल पैदा करना चाहता है। संसदीय कार्य व नगर विकास मंत्री आजम खां ने कहा कि मंत्रियों व विधायकों के दल ने विदेश दौरे के दौरान कूड़े से बिजली बनाने की प्रक्रिया पर विशेष अध्ययन किया।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में भी कूड़े से बिजली बनाने के लिए एक इकाई को अनुमति दे दी गई है। अभी चार और इकाइयों को अनुमति दिया जाना है। आजम ने मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने मुजफ्फरनगर दंगे को निष्पक्ष तरीके से पेश नहीं किया। राज्य सरकार की कोशिशों व नीयत को भी गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों की मदद के बजाय कुछ लोगों ने उन्हें टूल के रूप में इस्तेमाल कर धर्म और जाति के नाम पर भेद पैदा करने की कोशिश की। दंगा पीड़ितों के राहत शिविरों में ठंड से बच्चों की हुई मौत पर हालांकि कुछ नहीं कहा।
गौरतलब है कि सूबे के मंत्रियों और विधायकों का एक 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आजम खां की अगुवाई में 8 जनवरी को पांच देशों के स्टडी टूर पर रवाना हुआ था। तुर्की, नीदरलैंड, ब्रिटेन, ग्रीस और यूएई में संसदीय प्रणाली की 'स्टडी' करने के बाद एह दल आज राजधानी वापस लौटा है। इस दौरे में आजम के अलावा खाद्य मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अंबिका चौधरी, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री शिवकुमार बेरिया समेत आठ मंत्री शामिल थे। साथ ही भाजपा तथा राष्ट्रीय लोकदल के विधायक व विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे भी प्रतिनिधिमंडल में थे।
प्रतिनिधिमंडल के विदेश दौरा पर जाने के बाद सूबे में इस पर बड़ा विवाद हुआ था और कई राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया था कि एक तरफ मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में बच्चों की मौत हो रही है और दूसरी तरफ सरकार सैफई महोत्सव में फिल्मी नाच देखने में मस्त है तथा मंत्रियों का दल सरकारी खर्च पर विदेश में अय्यासी करने गया है।
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