मध्य प्रदेश की राजधानी पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सेक्स वर्कर से लेकर नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाली महिलाओं तक ने अपनी समस्याएं सुनाईं। साथ ही इन समस्याओं के समाधान के लिए पार्टी के घोषणापत्र में स्थान देने का आग्रह किया। राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र तैयार किए जाने से पहले हर वर्ग से सीधे संपर्क कर रहे हैं। इसी क्रम में वे सोमवार को भोपाल पहुंचे। उन्होंने यहां के मिंटो हॉल के परिसर में एक चौपाल लगाकर महिलाओं से सीधी चर्चा की।
इस मौके पर राहुल ने कहा कि सभी दलों में पांच से सात लोग मिलकर बंद कमरे में बैठकर घोषणापत्र तैयार कर लेते हैं, मगर उन्होंने इस परिपाटी को तोड़ते हुए आम लोगों से सीधे संवाद कर घोषणापत्र तैयार करने का फैसला लिया है। उसी के चलते वे आज भोपाल में महिलाओं की राय जानने आए हैं। इससे पहले वे कई अन्य वर्गो से सीधे संपर्क कर चुके हैं।
सेक्स वर्कर (यौनकर्मियों) के बीच काम करने वाली मुंबई से आई अनु ने कहा कि आज वे इस देश में रहती हैं, मगर उन्हें न तो राशन कार्ड हासिल है और नहीं सरकार की योजनाओं का लाभ मिलता है। जब भी सुविधा की बात आती है, उनके बच्चे के पिता का नाम पूछा जाता है। यह बताना उनके लिए काफी मुश्किल होता है। लिहाजा, कांग्रेस को इस वर्ग के लिए अपने घोषणापत्र में विशेष रियायत देने का वादा करना चाहिए।
इसी तरह नक्सल प्रभावित इलाके में काम करने वाले संगठन से जुड़ी उमा ने ग्रीन हंट जैसे अभियान पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि जनजातीय वर्ग की महिलाएं कम कपड़े पहनती हैं, उसके बावजूद उनके कपड़ों को उतारकर तलाशी लेने से भी सुरक्षा बल परहेज नहीं करते। लिहाजा, नक्सल प्रभावित इलाके की समस्याओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
गुजरात से आई अमीन रावत ने वहां की पानी संबंधी समस्या का मसला उठाया। उनका कहना था कि पूरे समय अच्छा पानी दिलाने की पहल होना चाहिए। इसी तरह डा. संगीता ने सेरोगेसी (दूसरे का गर्भधारण करने वाली) के मामले को भी घोषणापत्र में स्थान देने की बात कही। इंदौर की फातिमा ने विकलांगों को राजनीति में मौका देने का मसला उठाते हुए कहा कि अगर टिकट देकर चुनाव नहीं लड़ाया जा सकता है तो राज्यसभा में ही भेजा जाए, इस पर राहुल गांधी का जवाब था कि राज्यसभा में क्यों, चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा।
किन्नर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किन्नरों के अधिकारों का मुद्दा उठाते हुए राहुल गांधी की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस वर्ग को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला, इन्हें रोजगार, शिक्षा में स्थान नहीं है। इस मौके पर गुलाबी गैंग की संपत पाल ने खुलकर महिलाओं से कहा कि उनके उत्पीडन में पुरुष नहीं, महिलाएं आगे हैं। आज जरूरत है कि महिलाएं अपने हक की लड़ाई खुद लड़ने के लिए आगे आएं।
देशभर के विभिन्न हिस्सों से पहुंची महिलाओं ने अपनी-अपनी बात रखी और उम्मीद जताई कि उनकी बात को घोषणापत्र में कांग्रेस न केवल स्थान देगी, बल्कि सत्ता में आने पर उनसे अमल में भी लाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें