दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आलोचनात्मक लहजे में कहा कि उनके धरने पर बैठने की जगह तय करने का हक केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के पास नहीं है। केजरीवाल ने रेल भवन के बाहर मगंलवार को यहा कहां, "शिंदे कौन होते हैं यह फैसला लेने वाले कि मैं कहां बैठूंगा। मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं फैसला लेने का हक मुझे है शिंदे को नहीं, वह कहां बैठेंगे यह फैसला मैं ले सकता हूं।"
केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों का धरना मंगलवार सुबह दूसरे दिन में प्रवेश कर गया। वह दिल्ली पुलिस को राज्य के अधीन करने और पांच पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों और उनके समर्थकों ने पूरी रात रेल भवन के बाहर सड़कों पर बिताई। इस प्रदर्शन को देखते हुए सोमवार को चार मेट्रो स्टेशन बंद कर दिया गए थे, जो कि मंगलवार को भी बंद हैं।
केजरीवाल ने कहा, "मैंने यह महसूस किया है कि मेट्रो स्टेशन के बंद रहने पर लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। इसलिए, मैंने शिंदे से इन्हें खोलने और लोगों की असुविधा को खत्म करने की अपील की है।" उन्होंने कहा कि इलाके की नाकेबंदी की गई है जिससे यह जेल में तब्दील हो गया है। मुख्यमंत्री ने इलाके में शौचालय के अभाव की भी शिकायत की है।
केजरीवाल ने कहा, "आज सुबह मैंने खुद नाकेबंदी तोड़ी और मेरे मंत्री शौचालय गए। शिंदे ने सभी इमारतों के शौचालयों को बंद कर दिया है। हम पाकिस्तान के नहीं भारत के नागरिक हैं। गृहमंत्री हमारे साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं? ये महिलाएं कहां शौचालय इस्तेमाल करेंगी?"
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