दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने धरने के अनिश्चिकालीन होने की बात कहते हुए केंद्र सरकार द्वारा मांग न माने जाने पर सड़कों पर जनसैलाब लाने की धमकी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैंने 10 दिन की बात कही है, लेकिन यह प्रदर्शन को अनिश्चितकालीन कहने का तरीका है। अगर सरकार हमारी मांग 26 जनवरी तक नहीं मानेगी तो हम राजपथ को लाखों लोगों से भर देंगे।"
मुख्यमंत्री को बारिश भी नहीं रोक पाई और वह रेल भवन के बाहर डटे रहे। दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीन करने और पांच पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग को लेकर किया जा रहा धरना दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। केजरीवाल ने कहा, "हम यहां धरना जारी रखेंगे और यह सबसे अच्छा गणतंत्र दिवस होगा। पूरे देश के अलग-अलग हिस्से से जनता आई है और गणतंत्र दिवस के दिन कोई झांकी नहीं होगी लेकिन सरकार को सड़कों पर जनता नजर आएगी।"
इससे पहले मुख्यमंत्री ने आलोचनात्मक लहजे में कहा कि उनके धरने पर बैठने की जगह तय करने का हक केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के पास नहीं है। केजरीवाल ने रेल भवन के बाहर मंगलवार को यहा कहा,"शिंदे कौन होते हैं यह फैसला लेने वाले कि मैं कहां बैठूंगा। मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं फैसला लेने का हक मुझे है शिंदे को नहीं, वह कहां बैठेंगे यह फैसला मैं ले सकता हूं।"
मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी, समर्थक सोमवार पूरी रात रेल भवन के बाहर नारेबाजी करते हुए सड़क पर बिताई। प्रदर्शन की वजह से दिल्ली के चार मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं, जो सोमवार को भी बंद थे। केजरीवाल ने कहा, "मैंने यह महसूस किया है कि मेट्रो स्टेशन के बंद रहने पर लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। इसलिए, मैंने शिंदे से इन्हें खोलने और लोगों की असुविधा को खत्म करने की अपील की है।"
उन्होंने कहा कि इलाके की नाकेबंदी की गई है जिससे यह जेल में तब्दील हो गया है। मुख्यमंत्री ने इलाके में शौचालय के अभाव की भी शिकायत की है। केजरीवाल ने कहा, "आज सुबह मैंने खुद नाकेबंदी तोड़ी और मेरे मंत्री शौचालय गए। शिंदे ने सभी इमारतों के शौचालयों को बंद कर दिया है। हम पाकिस्तान के नहीं भारत के नागरिक हैं। गृहमंत्री हमारे साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं? ये महिलाएं कहां शौचालय इस्तेमाल करेंगी?"
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