नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नौसेना में हाल के हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। नेवल स्टाफ के वाइस चीफ एडमिरल आरके धोवन को नए प्रमुख की नियुक्ति तक नौसेना प्रमुख के रूप में कमान संभालने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना की पनडुब्बी सिंधुरत्न में हादसे में सात नौसैनिक जख्मी हो गए, जबकि दो लापता हैं। हादसे के समय वेस्टर्न कमांड के सर्वोच्च सबमरीन अफसर इन पर तैनात थे। पनडुब्बी का ट्रायल चल रहा था, लेकिन इस पर कोई विस्फोटक नहीं थे। पिछले सात माह में इसे मिलाकर भारतीय नौसेना के 10 युद्धपोत और तीन पनडुब्बियां दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं।
नौसेना के सूत्रों ने बताया कि मुंबई बंदरगाह पर आईएनएस सिंधुरत्न अभ्यास कर रही थी। उसी दौरान पनडुब्बी के बैटरी कक्ष में एक रिसाव हुआ और सवार नौसेनाकर्मियों का दम घुटने लगा। उन्होंने बताया कि नौसेना कर्मी बेहोश हो गए और उन्हें हेलीकॉप्टर से मुंबई में नौसेना के अस्पताल आईएनएस अश्विनी ले जाया गया। सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की अगुवाई में बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।
पिछले साल मुंबई बंदरगाह पर आईएनएस सिंधुरक्षक डूब गई थी, जिससे उसमें सवार सभी 18 नौसेनाकर्मी मारे गए थे। रक्षामंत्री एके एंटनी ने नौसेना से इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। इस माह के शुरू में आईएनएस ऐरावत भी हादसे का शिकार होकर क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके बाद इसके कमांडिंग अधिकारी को कमान ड्यूटी से अलग कर दिया गया था। आईएनएस ऐरावत एक उभयचर युद्धपोत है।
आईएएनएस सिंधुरक्षक के डूबने के बाद आईएनएस बेतवा भी हादसे की शिकार हुई। आशंका जताई जाती है कि पानी के अंदर किसी ठोस चीज से टकरा कर आईएनएस बेतवा दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। खदानों की सफाई करने वाली, भारत की अग्रणी पनडुब्बी आईएनएस कोंकण में विजाग में मरम्मत के दौरान आग लग गई थी और इसका अंदरूनी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। पश्चिमी कमान में हो रहे इन हादसों को लेकर चिंतित नौसेना मुख्यालय ने पश्चिमी नौसेना कमांडर वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा को तलब किया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें