लोकसभा में मंगलवार को तेलंगाना विधेयक पारित होने के समय लोकसभा टीवी पर कार्यवाही के सीधे प्रसारण पर रोक लगाये जाने की निंदा करते हुए भाजपा ने आज इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। भाजपा संसदीय पार्टी ने कहा कि प्रसारण पर कथित रोक सुनियोजित थी और इसमें कोई तकनीकी खामी नहीं थी जैसा की कल लोकसभा सचिवालय ने दावा किया था। तकनीकी खामी के तर्क को खारिज करते हुए कल विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा था कि यह टैक्निकल नहीं टैक्टिकल मामला था।
वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में भाजपा संसदीय दल की बैठक में मांग की गई कि जब राज्यसभा में इस विधेयक को लिया जाए तब इसका सीधा प्रसारण सुनिश्चित हो। राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कहा गया है कि सीधे प्रसारण पर रोक सुनियोजित थी और कोई तकनीकी खामी नहीं थी। यह लोकतंत्र के प्रति असम्मान और लोकतांत्रिक परंपराओं को बर्बाद करने जैसा है ताकि देश इस मुद्दे पर चर्चा को नहीं देख सके।
संसद भवन में बैठक के बाद प्रसाद ने कहा कि लोकसभा सचिवालय की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं और उसे जवाब देना चाहिए कि किसके दबाव में प्रसारण रोका गया। यह भी बताना चाहिए कि क्यों कोई आडियो या वीडियो रिकार्डिंग नहीं की गई। प्रसाद ने कहा कि यह सत्तारूढ़ कांग्रेस का दायित्व है कि वह सुनिश्चित करे कि राज्यसभा में ठीक ढंग से चर्चा हो और भाजपा सहित सभी सदस्यों को संशोधन पेश करने दिया जाए। वर्तमान लोकसभा में भाजपा के संसदीय दल की यह अंतिम बैठक थी। आडवाणी ने सभी सदस्यों से आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को सत्ता में लाने के लिए जितोड़ मेहनत करने को कहा। उन्होंने लोकसभा के प्रसारण पर रोक की कड़ी निंदा की।
गौरतलब है कि विधेयक पर चर्चा के शुरू होने पर लोकसभा टेलीविजन से सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण नहीं हुआ था। लोकसभा टीवी के सीईओ राजीव मिश्रा ने कहा है कि तकनीकी खामी के कारण ऐसा हुआ।
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